पटना। लोकसभा चुनाव में अपना अपना भविष्य देख रहे नेताओं में भगदड़ मची है। जिसे जहां संभावना दिखती है वहीं जाकर बैठ जाता है। बिहार की राजनीति में भी कुछ इसी तरह की तस्वीर बनती नजर आ रही है। यहां पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पूर्णिया से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। इसके लिए उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का निर्णय लिया है। पप्पू का पता है कि जब तक राजद प्रमुख लालू का आशीर्वाद नहीं मिलेगा तब तक उनका यह सपना पूरा नहीं हो सकता है। यही वजह है कि उन्होंने बिना देरी के लालू से मुलाकत कर अपने एक्स पर लिखा कि आज अभिभावक पितातुल्य आदरणीय लालूजी, माननीय नेता प्रतिपक्ष भाई तेजस्वी जी के साथ पारिवारिक माहौल में मुलाकात। मिलकर बिहार में बीजेपी को जीरो पर आउट करने की रणनीति पर चर्चा हुई। बिहार में इंडिया  गठबंधन की मज़बूती, सीमांचल, कोसी, मिथिलांचल में 100 प्रतिशत सफलता का लक्ष्य है।
बता दें कि बीते कई दिनों से पप्पू यादव की कांग्रेस से नजदीकियों की खबरें आ रही थीं। उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद भी हैं। इससे पहले वह सुपौल से राजद की सांसद थीं। वहीं, दिनों पप्पू यादव को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच बात नहीं बन पा रही थी। कहा जा रहा था कि जब तक लालू यादव से हरी झंडी नहीं मिलेगी तब तक पप्पू यादव की महागठबंधन में एंट्री संभव नहीं होगी। मगर सोमवार को पप्पू यादव ने लालू यादव से मुलाकात की जिसके बाद ये खबरें आ रही हैं। लालू यादव के मुलाकात के बाद पप्पू यादव ने जो ट्वीट किया इससे यह साफ हो गया कि पप्पू यादव पूर्णिया से महागठबंधन के कैंडिडेट होंगे। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया कि सीमांचल व कोसी क्षेत्र में पप्पू यादव की लोकप्रियता और उनकी राजनीतिक शक्ति का भरपूर उपयोग करने के लिए लालू भी तैयार हो गए हैं। बिहार की राजनीति से बड़ी खबर है कि पूर्व सांसद पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करेंगे। सूत्रों से खबर है कि पप्पू यादव कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने के लिए तैयार हैं और वह पूर्णिया से गठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं। बता दें कि मंगलवार को पप्पू यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के साथ ही सीमांचल और कोसी क्षेत्र की राजनीति को लेकर रणनीति को लेकर चर्चा हुई थी।