पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को इसलिए लगती है ठंड
गोल्ड कोस्ट । अनुसंधानकर्ता का कहना है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कमरों के भीतर अधिक तापमान पसंद करती हैं, लेकिन क्या इस बात के पीछे कोई विज्ञान है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 'अधिक ठंड महसूस होती है'? लगभग समान वज़न होने पर भी महिलाओं के शरीर में गर्मी पैदा करने के लिए पुरुषों की तुलना में कम मांसपेशियां होती हैं।
महिलाओं के शरीर में त्वचा और मांसपेशियों के बीच अधिक चर्बी होती है, इसलिए भी उनकी त्वचा अधिक ठंडक महसूस करती है, क्योंकि उनकी त्वचा रक्त वाहिकाओं से थोड़ा दूर होती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मेटाबॉलिज्म दर भी कम होती है, जिससे ठंड के दौरान गर्मी पैदा करने की क्षमता घट जाती है और तापमान कम होने पर महिलाओं को अपेक्षाकृत अधिक ठंड लगती है। महिलाओं में बड़ी मात्रा में पाए जाने वाले हार्मोन 'एस्ट्रोजन' और 'प्रोजेस्टेरोन' का शरीर और त्वचा के तापमान के संबंध में बड़ा महत्व है। 'एस्ट्रोजेन' के कारण रक्त वाहिकाएं फैलती हैं और 'प्रोजेस्टेरोन' हार्मोन त्वचा में वाहिकाओं के कसे रहने का कारण बनता है।
इसका अर्थ है कि शरीर के आंतरिक अंगों को गर्म रखने के लिए कुछ क्षेत्रों में कम रक्त प्रवाहित होगा, जिससे महिलाओं को ठंडक महसूस होगी। मासिक धर्म चक्र के साथ हार्मोन का संतुलन पूरे महीने बदलता रहता है। इन हार्मोन के कारण महिलाओं के हाथ, पैर और कान पुरुषों की तुलना में लगभग तीन डिग्री सेल्सियस अधिक ठंडे रहते हैं। ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) के बाद के सप्ताह में शरीर के भीतरी अंगों का तापमान उच्चतम स्तर पर होता है, क्योंकि 'प्रोजेस्टेरोन' हार्मोन का स्तर लगातार बढ़ता रहता है। हालांकि, पुरुषों की तुलना में महिलाओं के हाथ-पैर ठंडे होते हैं, उनके शरीर के भीतरी अंगों का औसत तापमान अधिक होता है। पक्षियों और स्तनधारी जानवरों की कई प्रजातियों पर किए गए अध्ययनों के अनुसार, नर आमतौर पर ठंडे इलाकों में रहना जाना पसंद करते हैं, जबकि मादा गर्म वातावरण पसंद करती हैं।
नर चमगादड़ पहाड़ों की ठंडी, ऊंची चोटियों पर आराम करते हैं, जबकि मादा चमगादड़ अपेक्षाकृत गर्म घाटियों में रहती हैं। बता दें कि सर्दियां आने पर कंबल का इस्तेमाल कब से शुरू करना है, इसे लेकर हम सभी की प्राथमिकताओं में अंतर होता है। कार्यालयों में थर्मोस्टैट (तापमान को नियंत्रित करने वाला यंत्र) की सेटिंग को लेकर महिला एवं पुरुष कर्मियों के बीच बहस होना आम बात है।