तंत्र की जगह अंक ज्योतिष के सहारे तो नहीं है - कांग्रेस
(Advisornews.in)
सुधीर पाण्डे
भोपाल(एडवाइजर): कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए, और भविष्य में अपने आधार को अधिक मजबूत करने के लिये क्या अंक ज्योतिष का सहारा ले रही है। वैसे भी पिछले चुनाव में कम्प्यूटर बाबा और मिर्ची बाबा की तंत्र क्रिया ने कांग्रेस को काफी आध्यात्मिक बल दिया था। इतना ही नहीं सभी स्तरों पर किये गये कर्मकांड एवं तंत्र संबंधी उपायों नें कांग्रेस को 15 महीनें के लिये सरकार में आने का अवसर प्रदान किया था। मध्यप्रदेश में कांग्रेस कर्मकांड और तंत्र के भरोसे यदि इस बार भी अपने अभियान को अधिक सशक्त करना चाहती है तो इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
पिछले दिनों किसी लेखक ने जब, माननीय दिग्विजय सिंह द्वारा 66 विधानसभा क्षेत्रों में किये गये उनके व्यक्तिगत प्रयासों पर एक आलेख का प्रकाशन किया था। तब कांग्रेस के जानकारों ने इस संशोधन का उल्लेख किया कि दिग्विजय सिंह ही नहीं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी अभी तक 60 विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास कर चुके हैं, और मण्डल से लेकर शहरी क्षेत्र तक के कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर चुके हैं। यह भी जानकारी दी गई कि अभी 6 अन्य क्षेत्रों में कमलनाथ जी का प्रवास अभी शेष है। सही मायने में यह एक उत्साह बढ़ाने वाली सूचना थी, परंतु एक प्रश्न पर संदेह की धुरी आकर अटक गई। सम्पर्क ही करना था तो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अपनी सीटों की संख्या 66 पर ही क्यों रखी। जानकारों से चर्चा करने के उपरांत यह संकेत मिले कि 66 के दोनों अंकों को यदि परसपर आपस में गुणा कर दिया जाए तो 36 का अंक प्राप्त होता है। यदि इस 36 अंक को आपस में जोड़ दिया जाए तो नया अंक 9 के रूप में प्राप्त होता है। यदि कमलनाथ और दिग्विजय दोनों के भी 9-9 अंको को जोड़ दिया जाए तो नया अंक 18 के रूप में प्राप्त होता है, जिसका जोड़ पुनः 9 होता है।
वैसे भी 9 का अंक हिन्दू धर्मशास्त्र में एक विशेष स्थान रखता है, जैसे कि इस्लाम में 786। इस 9 अंक का संबंध यदि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की चुनावी संरचना से है और अंक ज्योतिष के परिणामों में यदि यह वर्ष 2023 के लिये कांग्रेस का एक शुभ अंक है तो अभी कई प्रयोग होने शेष होंगे। जैसे कि विधानसभा चुनाव की तारीख का इस वर्ष के नवें महीनें में ही तय होना, कांग्रेस के प्रचार अभियान से भी इस अंको संबोधित किया जा सकता है। यहां तक कि राज्य के बाहर से आने वाले प्रचार कर्ताओं की संख्या विधानसभा चुनाव में टिकिट से वंचित किये जाने वाले नेताओं की संख्या या उन नये नेताओं की संख्या जिन्हें पहली बार विधानसभा में चुनाव लड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। कांग्रेस इस शुभ अंक को लेकर एक बाढ़ पैदा कर सकती है, ताकि चुनाव परिणामों को पूरे वेग के साथ कांग्रेस के पक्ष में हर हालत में बढा लिया जाए। जानकारों के अनुसार अंक ज्योतिष के कई तरह के प्रयोग है, जिसमें सिद्धलोक किसी भी तरह के परिणामों को अपने पक्ष में ले जाने के लिये कई तरह के प्रयोग करते हैं। इस बार कांग्रेस ने घोषित तांत्रिकों का सहारा लेने कि कोशिश नहीं की है। हनुमान जी की भक्ति को आधार बनाकर धर्म संसद के माध्यम से समूचे हिन्दू धर्म को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। स्वयं कमलनाथ जी, विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रवासों के दौरान कांग्रेस की नई नीतियों के बारे में अपनी स्पष्ट राय रख रहे हैं। कांग्रेस का प्रचार अभियान अभी प्रारंभ नहीं हुआ है, परंतु प्रचार के इस प्रारंभिक चरण में यह जरूर निर्धारित किया जा रहा है कि पूरे अभियान को आध्यात्मिक बल देने के लिये किस-किस तरह के प्रयोगों को किया जा सकता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अंक ज्योतिष का यह नया प्रयोग कांग्रेस को आत्मबल प्रदान करेगा।