(Advisornews.in)
सुधीर पाण्डे
भोपाल(एडवाइजर):
मध्यप्रदेश में क्या आम आदमी पार्टी प्रदेश की राजनीति को जितने के लिये प्रवेश करेगी। गुजरात की तरह ही दो दलों की सरकार की बिच बटी हुई राज्य की राजनीति विकल्प की तलाश कर रही है। कई बार इस राज्य में समाजवादियों, कम्युनिष्ट एवं अन्य दलों ने स्वयं को स्थापित करने का प्रयास किया है। पर राजनीति है कि कांग्रेस और भाजपा के मध्य ही जाकर ठहर जाती है।
ऐसा नहीं है कि, भाजपा और कांग्रेस से मध्यप्रदेश का मतदाता पूरी तरह संतुष्ट है। वो यह अच्छी तरह जानता है कि किसी एक दल की सरकार के द्वारा किये गये गैर कानूनी और फर्जी कार्यो को आने वाली दूसरे दल की सरकार ढक कर रखने में ही अपनी भलाई समझती है। दो दलों की प्रणाली के मध्य राजनीति एथलीट्स के बीच डण्डा दौर की तरह गुजरती है। जहां विकल्प के अभाव में मतदाता भी मजबूर होता है। यही कारण है कि राज्य स्थापना से लेकर आज तक मध्यप्रदेश में आम मतदाताओं के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये। 
प्रख्यात व्यंगकार स्व. शरद जोशीजी, के अनुसार सरकार ठोस कदम उठाती है। पर वे कदम इतने ठोस होते है कि उठते ही नहीं और समस्या जहां की तहां बनी रहती है। मतदाता उन ठोस कदमों के उठने के इंतजार में अगले निर्वाचन में फिर अपनी राय किसी एक दल के पक्ष में व्यक्त कर देता है और सरकार निरन्तर चलती रहती है।
गुजरात के चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन यदि होसला बढाने वाला हुआ, तो मध्यप्रदेश जैसे राज्य में आप का प्रवेश निश्चित है। वर्तमान में इस पार्टी के नाम से कुछ मंचों पर एकत्र होने वाले युवा सिर्फ चहल कदमी कर रहे है। अभी तक उन्होंने किसी प्रदेश व्यापी मुद्दे को पार्टी फोरम में नही उठाया है। दूसरी और आम आदमी पार्टी की केंद्रीय जमात में ऐसा कोई व्यक्ति शामिल नहीं है जो, मध्यप्रदेश के महत्व को अरविन्द केजरिवाल निर्देशित इस पार्टी में व्यापक ढंग से उठा सकें।
एक परिस्थिति की कल्पना कीजीये यदि आप गुजरात में कुछ बड़ा कर लेती है तो, मध्यप्रदेश के परिवेश में किस तरह आप प्रवेश करेगी। राज्य भूगोल, जाति विज्ञान और धर्म विज्ञान को कम्प्यूटर के माध्यम से पढ़ने के बाद यदि आप नें दिल्ली शैली की राजनीत को यहां उतारने की कोशिश की तो समाज का एक बडा वर्ग बिजली, पानी, अस्पताल जैसी खून चूसने वाली समस्याओं से बचने के लिये एक जुट हो जायेगा। यह बात अलग है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का कार्यकर्ता भी पिछले 18 वर्षों में कांग्रेस की सदस्यता रखने के साथ ही शारीरिक और मानसिक रूपे से भाजपाई बन चुका है। दूसरे शब्दों में कहें तो पक्ष भी भाजपा है और विपक्ष भी भाजपा। मध्यप्रदेश की राजनीति को आप के लिये राष्ट्रीय स्तर होने वाले प्रयोगों के लिये बहुत महत्वपूर्ण होगी। कहते है मध्यप्रदेश का स्वरूप और विन्यास इस देश की राजनैतिक और सामाजिक संस्कृति का एक छोटा सा स्वरूप है। यह तय है कि आप का मध्यप्रदेश में प्रवेश गुजरात के प्रर्दशन के बाद महत्वपूर्ण होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो मध्यप्रदेश में आपका मध्यप्रदेश बनने की सम्भावनाएं अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत अधिक है।