(Advisornews.in)
सुधीर पाण्डे
भोपाल(एडवाइजर):
राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा 20 नवम्बर की शाम बुरहानपुर जिला के बोडरली गांव पहुंचेगी। इसके बाद मध्यप्रदेश में भारत जोड़ों यात्रा के कदम 13 दिनों तक लगातार चलते रहेंगे। राहुल गांधी की इस यात्रा के दौरान कुछ कठिन नियम भी बनाये गये है। यात्रियों को यात्रा के दौरान न नानवेज खाने को मिलेगा ओर नाही शराब और धुम्रपान से कोई संबंध होगा।
21 नवम्बर को सुबह 6.30 बजें बोडरली गांव से यात्रा निकल कर 14 किमी का सफर कर बुरहानपुर में रूकेगी। यहां से शाम 7 बजें यात्रा प्रारंभ होकर बोरगांव सरदर में रात्रि विश्राम के लिये रोकी जायेगी। यात्रा के दौरान नुक्कड सभाओं का आयोजन करने के अलावा नर्मदा दर्शन, महाकाल परिसर में पूजा-अर्चना और संत-महात्माओं के साथ नर्मदा किनारे सत्संग की व्यवस्था भी रहेगी। यह यात्रा उज्जैन में महाकाल दर्शन के अलावा एक जनसभा को भी संबोधित करेगी। इंदौर में यह यात्रा खालसा कालेज में रूकेगी इसके बाद बडवाह की ओर आगे निकल जायेगी। यात्रा की सारी जिम्मेवारियां कांग्रेसी नेताओं को सौप दी गई है। यात्रा के दौरान राहुल गांधी के काफिले में 60 कन्टेनर चल रहे हैं, जिसमें यात्रा के दौरान नियमित चलने वाले यात्री और स्वयं राहुल गांधी विश्राम करते हैं। पद यात्रा शुरू होने के साथ ये कन्टेनर दूसरे निर्धारित पड़ाव पर पहुंचा दिये जाते हैं।
प्रतिदिन 15 से 20 किमी चलने वाली इस यात्रा में 118 नेता 150 दिन तक पद यात्रा कर रहे हैं। इसके अलावा स्वयं सेवी संगठन, आम जनता भी इस यात्रा का हिस्सा बनती है। कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा तिरूवन्तपुरम, मैसूर, नान्देड, इंदौर, बुलंदशहर, दिल्ली, पठानकोट, जम्मू से गुजरने के बाद श्रीनगर में पूरी होगी। इस यात्रा में शामिल होने वाले लोगों को भारत यात्री, अतिथि यात्री और प्रदेश यात्री की श्रेणी में बाटा गया है। यह यात्रा 150 दिनों तक चलनी है इस यात्रा में 32 महिलाएं नियमित रूप से भाग ले रही है।
राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में इस यात्रा के दौरान हिन्दू और दलित अदिवासी वोटर्स को विशेष रूप से आकर्षित करने के लिये प्रयास किये जा रहे है। खबर तो यह भी है कि मध्यप्रदेश में इस यात्रा के रास्ते में आंशिक परिवर्तन करके राहुल गांधी को भीमराव अंबेडकर की जन्म स्थली महू ले जाने की भी तैयारी है। मध्यप्रदेश में यह यात्रा 6 जिलों को 8 विधानसभाओं क्षेत्रों को कवर करेगी। स्मरण रहे मध्यप्रदेश में अलगे साल विधानसभा के चुनाव होने वाले है। यह चुनाव के लिये यह यात्रा मालवा-निमाड से पूरे राज्य में एक महोल का निर्माण कर सके जो कांग्रेस के पक्ष में हो। इसके हर संभव प्रसाय किये जा रहे है। 
यह यात्रा इंदौर शहर के बीच से गुजरेगी। इस दौरान राहुल गांधी इंदौर शहर के श्रमिक वर्ग, व्यापारिक संगठन और अन्य आम व्यक्तियों से बातचीत भी कर सकते है। इंदौर से इच्छापुर हाईवे पर जिन-जिन जगह पर रात्रि का विश्राम रहेगा वहां पर हाईवे से दूर डोम बनाये जायेंगे। ताकि यात्रा के वाहन और आनेजाने कार्यकर्ताओं को उचित स्थान मिल सके, जिन किसानों के खेतों खाली कराया जायेगा उन्हें उचित मुआवजा भी दिया जा रहा है। इस के लिये राजस्व और वन भूमि से संबंधित विभागों से बकायदा अनुमति प्रदान ले रहे है।
हैदराबाद में मध्यप्रदेश कांग्रेस का एक दल जा रहा है। जो आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में राहुल गांधी की यात्रा के दौरान की गई व्यवस्थाओं का अध्ययन करेगा। ताकि मध्यप्रदेश की व्यवस्थाओं को अधिक सुलभ और सरल बनाया जा सके। पूरी यात्रा की निगरानी के लिये प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें यात्रा के रास्ते में आने वाली प्रत्येक परेशानी या सुविधा का मूल्यांकन करेगी और उसे यात्रा के अनुरूप बनाने के लिये सीधा प्रयास भी करेंगे। इस टीम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है। यात्राओं के लिये कमेटियों का जाल इस तरह बनाया गया है कि किसी भी तरह की चुक की संभावना कहीं न रह सके। मध्यप्रदेश, राहुल गांधी की इस यात्रा के लिये पूरी तरह तैयार है। यात्रा के बाद इस बात का मूल्यांकन किया जाना जरूरी है कि इससे वास्तव में कांग्रेस कितना राजनैतिक लाभ ले पाती है।