डुब रही कांग्रेस को उबरने में जुटी सोनिया गांधी
नई दिल्ली । एक के बाद एक कई राज्यों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है। खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी में सुधारों को लेकर कई कदम उठा रही हैं। इसके अलावा कांग्रेस चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी अपने साथ लाने की तैयारी में है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित समिति आगामी राज्य चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी की तैयारियों और रणनीति पर अगले दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। सुरजेवाला ने कहा, कांग्रेस अंतरिम सोनिया गांधी द्वारा गठित समिति आगामी चुनावों के लिए पार्टी को और अधिक चुस्त बनाने सहित कांग्रेस संगठन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें अगले 24 से 48 घंटों के भीतर सौंप देगी।"
इसके पहले कांग्रेस नेताओं ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ लगातार दो दिनों तक मंथन किया, इसमें जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह और पी चिदंबरम सहित पार्टी के शीर्ष नेता भी मौजूद थे। सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया गांधी ने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और पार्टी के अन्य नेताओं द्वारा कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए दिए गए विभिन्न सुझावों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया है। उन सुझावों में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए रोडमैप तैयार करना शामिल है। उन्होंने कहा कि पीके द्वारा पार्टी और संगठन को बेहतर बनाने के लिए दिए गए सुझावों पर समिति विचार कर रही है। प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने की चर्चा के बीच, सुरजेवाला ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा गठित समिति का लक्ष्य और अधिकार क्षेत्र किसी विशेष व्यक्ति को पार्टी में शामिल करना नहीं है।" तीसरी बैठक में कथित तौर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे। सुरजेवाला ने कहा कि सीएम गहलोत को संगठन के साथ काम करने का लंबा अनुभव है और पार्टी ने पार्टी में जरूरी बदलाव पर उनके सुझावों का स्वागत किया है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने पार्टी को और अधिक प्रभावी बनाने और संगठन को बेहतर बनाने की रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए।कांग्रेस ने आगामी राज्य चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए 10 जनपथ सोनिया गांधी के आवास पर तीन दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें पार्टी में संगठनात्मक सुधार शामिल हैं। कांग्रेस प्रशांत किशोर के साथ बैठक कर रही है। राजनीतिक रणनीतिकार और सोनिया गांधी के बीच पहली मुलाकात 16 अप्रैल को हुई थी, और दूसरी 18 अप्रैल को हुई थी जबकि 19 अप्रैल को हुई थी।
कांग्रेस को मरने नहीं दिया जा सकता : प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि कांग्रेस को मरने नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह केवल राष्ट्र के साथ मर सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ बैठक के बाद पीके ने यह बयान दिया है। 2019 के लोकसभा चुनावों में और फिर इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को झटका लगा है। कांग्रेस अपने खोए हुए गौरव को वापस पाने के लिए ठोस योजना पर निर्भर है। इसके लिए कांग्रेस ने प्रशांत किशोर से जानकारी मांगी है। समझा जाता है कि उन्होंने कांग्रेस के पुनरुद्धार का खाका पेश कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीके ने अपने प्रजेंटेशन में देश के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को उसकी सांख्यिकीय ताकत और कमजोरियों पर विशेष ध्यान दिया। 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए खाका बनाने की योजना है। इसमें देश की आबादी, कांग्रेस सांसदों और विधायकों की संख्या, महिलाओं, युवाओं, छोटे व्यापारियों और किसानों के प्रति पार्टी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया। पीके ने 2024 में पहली बार वोट देने वाले 13 करोड़ मतदाताओं के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित किया। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व को याद दिलाया कि लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के सिर्फ 90 सांसद हैं और देश में 800 विधायक हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन राज्यों में सत्ता में है, जबकि वह तीन और राज्यों में गठबंधन सरकारों का हिस्सा है। यह 13 राज्यों में मुख्य विपक्षी दल है। उन्होंने कांग्रेस को बताया कि 1984 के बाद से उसका वोट प्रतिशत घट रहा है। इसके बाद ठोस रणनीति की जरूरत है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है, कि संगठन में बदलाव पीके की चुनावी रणनीति को ध्यान में रखकर किए जाएंगे। पार्टी सीडब्लूसी की बैठक भी बुलाने की तैयारी कर रही है, ताकि प्रशांत किशोर की रणनीति पर चर्चा की जा सके।