खुद की पार्टी बनाएंगे प्रशांत किशोर बिहार से कर सकते हैं शुरुआत
नई दिल्ली । कांग्रेस के साथ चर्चा असफल होने के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नई सियासी पारी के संकेत दिए हैं। सोमवार को उन्होंने ट्वीट के जरिए अपने एक दशक के अनुभव का जिक्र किया और बिहार से नई 'शुरुआत' करने की बात कही है। अप्रैल में कांग्रेस में शामिल होने को लेकर चली लंबी बैठकों के बाद किशोर ने जानकारी दी थी कि उन्होंने पार्टी की पेशकश को ठुकरा दिया है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया, 'लोकतंत्र में सार्थक भागीदार बनने और जन समर्थक नीति को आकार देने की खोज की 10 साल की यात्रा हो गई है। अब मैं नई शुरुआत करता हूं, यह असल काम करने, लोगों तक जाने, मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने और 'जन सुराज' की राह पर जाने का समय है।' उन्होंने ट्वीट के अंत में लिखा, 'शुरुआत बिहार से।' उनके इस ट्वीट से अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी और दल के लिए रणनीति बनाने की बजाय वह एक अलग राजनीतिक दल का गठन कर सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि ट्वीट में उन्होंने जो जन सुराज लिखा है, वही उनकी नई पार्टी का नाम भी हो सकता है। सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर की पार्टी पूरी तरह से आधुनिक होगी। डिजिटल माध्यम से लोगों से जुड़ने पर ज्यादा फोकस करेगी, जिसमें प्रशांत किशोर महारत भी रखते हैं। इससे पहले प्रशांत किशोर भाजपा, जदयू, टीएमसी, कांग्रेस समेत कई पार्टियों के लिए चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम कर चुके हैं। गौरतलब है कि पीके ने पहले ही ऐलान किया था कि वह 2 मई तक अपने भविष्य के बारे में फैसला लेंगे। उनके इस ट्वीट को उनके सियासी भविष्य का ऐलान ही माना जा रहा है। खास बात है कि किशोर की तरफ से यह घोषणा कांग्रेस का ऑफर मना करने के एक हफ्ते बाद आई है। अटकलें लगाई जा रही थी कि इस बार कांग्रेस और किशोर साथ आने में सफल हो जाएंगे, लेकिन नतीजा विपरीत निकला। वहीं, बिहार की राजनीति का अखाड़ा भी उनके लिए नया नहीं है। इससे पहले भी वह राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल-यूनाइटेड के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।