लोगों के ‘लैंग्या हेनिपावायरस’ से संक्रमित पाए जाने का संदेह
मेलबर्न । चीन के शानडोंग और हेनान प्रांतों में नए वायरस ‘लैंग्या हेनिपावायरस’ के बढते मरीजों ने लोगों की चिंता बढा दी है। यहां पर लैंग्या हेनिपावायरस से 35 लोगों के संक्रमित पाए जाने का संदेह है। इसका संबंध हेंड्रा और निपाह वायरस से है। हालांकि, इस नए वायरस के बारे में हम काफी कुछ नहीं जानते हैं और हमें यह भी नहीं पता कि क्या यह मनुष्य से मनुष्य के बीच फैलता है।चीन में अनुसंधानकर्ताओं ने बुखार से पीड़ित लोगों की नियमित निगरानी के तौर पर नए वायरस का पता लगाया और यह ऐसे लोग थे जो हाल फिलहाल में जानवरों के संपर्क में आए थे। एक बार जब वायरस का पता चला तो अनुसंधानकर्ताओं ने अन्य लोगों में वायरस का पता लगाया।इसके लक्षण ज्यादातर हल्के प्रतीत हो रहे हैं, जिनमें बुखार, थकान, खांसी, भूख न लगना, हड्डियों में दर्द, उलटी और सिर में दर्द शामिल हैं। हालांकि, हमें यह नहीं पता कि मरीज कितने वक्त तक बीमार रहे हैं। बेहद कम लोगों में अधिक गंभीर लक्षण देखे गए हैं, जिनमें निमोनिया और जिगर तथा गुर्दे में समस्याएं शामिल हैं। अध्ययन के लेखकों ने यह भी पता लगाया कि क्या इस वायरस का स्रोत घरेलू या जंगली जानवर हैं।
हालांकि, उन्हें पता लगा कि पूर्व में बहुत कम संख्या में बकरी और कुत्ते इस वायरस से संक्रमित पाए गए थे। बहरहाल, इसके अधिक प्रत्यक्ष प्रमाण है कि यह वायरस जंगली छछूंदरों से हो सकता है। इससे पता चलता है कि मनुष्यों को छछूंदरों से यह संक्रमण मिला है।यह नया वायरस दो अन्य वायरस का करीबी दिखायी देता है, जो मनुष्यों में पाए जाते हैं यानी निपाह वायरस और हेंड्रा वायरस। वायरस का यह परिवार ‘कंटेजियन’ फिल्म में काल्पनिक एमईवी-1 वायरस की प्रेरणा था। हेंड्रा वायरस का पता सबसे पहले 1994 में क्वींसलैंड में चला, जब इससे 14 घोड़ों और प्रशिक्षक विक रेल की मौत हो गयी। इसके बाद से क्वींसलैंड और उत्तरी न्यू साउथ वेल्स में घोड़ों में कई तरह के वायरसों का पता चला है।
आस्ट्रेलिया में हेंड्रा वायरस से मनुष्यों को संक्रमण के सात मामलों का पता चला है। इनमें से चार की मौत हो गई। निपाह वायरस से पूरी दुनिया परिचित है क्योंकि यह सब जगह फैल चुका है। बांग्लादेश में इसका सर्वाधिक कहर टूटा है। किसी संक्रमण की गंभीरता बहुत हल्के से लेकर जानलेवा तक हो सकती है। इस नए वायरस के बारे में बहुत कम जानकारी है और अभी जो मामले आ रहे हैं वे ऊंट के मुंह में जीरे के समान हो सकते हैं। अभी इस स्तर पर कोई संकेत नहीं है कि यह वायरस मनुष्य से मनुष्य के बीच फैल सकता है।