नीतीश उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति बनें लेकिन बिहार को बख्श दें : चिराग
पटना । लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि वे व्यक्तिगत तौर पर सीएम नीतीश कुमार का सम्मान करते हैं। वे उम्र, रुतबे और तजुर्बे में मुझसे बहुत ज्यादा हैं। लेकिन यहीं मेरी शिकायत भी नीतिश जी से है। इतना अनुभवी और योग्य होने के बावजूद क्या कारण है, आपके रहते बिहार विकसित नहीं हो रहा है। चिराग ने कहा कि बिहार के हर जिले में रामविलास पासवान की प्रतिमा लगाई जाए। इसमें राज्य सरकार सहयोग करे। चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति बनें लेकिन बिहार को बख्श दें। बिहार से उनका जाना बहुत जरूरी है। क्योंकि उनके रहते बिहार का भला नहीं होगा। चिराग ने कहा कि चाचा (पशुपति पारस) से उनके व्यक्तिगत संबंध हैं। जिनकी गोद में खेला-बढ़ा, उसे कैसे भूल सकता हूं। कार्यशैली से भले विवाद हो लेकिन पर्सनल रिलेशन को प्रोफेशनल रिलेशन पर हावी नहीं होने देता। वे हमेशा चाचा रहने वाले हैं। नीतीश जी का भी इसी तरह मैं सम्मान करता हूं। आज अगर वहां सामने आ जाएं, तब उनका पांव छूकर आशीर्वाद लूंगा।
भाजपा से रिश्तों की बाबत उन्होंने कहा कि खून से ज्यादा मजबूत विचारों का रिश्ता होता है। मेरे मामले में यह स्पष्ट हो गया है। खून ने विपरीत परिस्थितियों में साथ नहीं दिया। भाजपा नेताओं को इसलिए नहीं कोस सकता कि उन्होंने घर से बाहर निकलवा दिया। मैं पढ़ा-लिखा हूं, बंगला खाली करना ही था। लेकिन जिस तरीके को अपनाया गया, उससे पीड़ा हुई। वहीं मैं जदयू की विचारों और नीतियों से सहमत नहीं हूं। मैं नहीं मानता कि सात निश्चय से विकास कर सकते हैं। केवल गली-गली बनाना राज्य की विकास की नींव नहीं हो सकती। नीतीश कुमार 2005 से मुख्यमंत्री हैं। महागठबंधन के साथ जाते हैं तब सीएम बने, लालू जी के साथ गए तब सीएम बने। इस कुर्सी के अलावा सीएम ने 16-17 सालों में किया क्या। सीएम ने 2005 में ही कहा था कि उनका सपना है कि पलायन करने वाले बिहारियों को वापस लाएं।