गूगल ने मंगलवार को कहा कि 1 नवंबर से भारतीय बाजार में Google Play बिलिंग सिस्टम पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। गूगल का यह फैसला भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा गूगल पर लगे जुर्माने के बाद आया है। गूगल के सपोर्ट पेज पर भी प्ले बिलिंग को बंद करने की जानकारी दी गई है। बता दें गूगल की इन-ऐप परचेज सर्विस है।

क्या है गूगल प्ले-बिलिंग सिस्टम?

गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम गूगल उन डेवलपर्स के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है, जिनके ऐप में डिजिटल कंटेंट के खरीदने की सुविधा होती है। एप्पल के ऐप-स्टोर पर भी इसी तरह की सुविधा है। गूगल और एप्पल दोनों डेवलपर्स से सभी तरह के डिजिटल कंटेंट की बिक्री पर 15-30 फीसदी का कमीशन लेते हैं।

भारतीय डेवलपर्स और गूगल के बीच लंबे समय से विवाद

प्ले बिलिंग सिस्टम को लेकर भारतीय डेवलपर्स और गूगल के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। गूगल पर आरोप है कि उसकी बिलिंग पॉलिसी ठीक नहीं है। 25 अक्टूबर को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने दूसरी बार गूगल पर जुर्माना लगाया। प्ले स्टोर नीतियों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। उससे पहले गूगल पर सीसीआई ने 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

गूगल ने क्या कहा

इस मामले में ताजा अपेडट की बात करें तो गूगल इंडिया के सपोर्ट पेज पर लिखा है, "सीसीआई के हालिया फैसले के बाद, हम डेवलपर्स के लिए भारत में उपयोगकर्ताओं द्वारा लेनदेन के लिए डिजिटल सामान और सेवाओं की खरीद के लिए Google Play की बिलिंग प्रणाली को रोक रहे हैं। जबकि, हम अपने कानूनी विकल्पों की समीक्षा करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि हम एंड्रॉयड और प्ले में निवेश करना जारी रखेंगे।"

गौरतलब है कि गूगल ने भले ही प्ले बिलिंग को बंद कर दिया है लेकिन गूगल प्ले बिलिंग के लिए आवेदन अभी भी लिए जा रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि भारतीय डेवलपर्स अभी अपने यूजर्स को इन-एप परचेज की सुविधा दे सकते हैं।