भोपाल । राजधानी भोपाल में डेंगू का डंक लगातार जानलेवा होता जा रहा है, यह कोरोना से भी तेज बढ़ रहा है। डेंगू का संक्रमण हर दिन तेजी से बढ़ रहा है। इसका बड़ा कारण है, संक्रमितों की लापरवाही के साथ स्वास्थ्य व नगर निगम की योजना कमजोर होना है। शुक्रवार तक शहर में 324 डेंगू के मरीज सामने आए। वहीं अब तक कुछ 2,17,184 लोगों की डेंगू की जांच हो चुकी है। इधर पिछले 27 दिनों की बात करें तो कुल 110 डेंगू के मरीज मिले है।
भोपाल में डेंगू के बढ़ते हुए मामले देखते हुए पहली बार कोविड की तरह हर दिन डेंगू के पॉजिटिव आए मरीजों की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। इसकी शुरुआत शुक्रवार से की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हुए आंकड़ों के अनुसार राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या 324 बताई गई है। वहीं जनवरी से अब तक डेंगू की 2,17,184 जांच हो चुकी है। इसके साथ ही मलेरिया की 7305 जांच में 11 पॉजिटिव लोग मिले हैं। तो चिकनगुनिया के 99 मरीज सामने आए।
डेंगू एक चक्रीय पैटर्न पर काम करता है। विशेषज्ञ इस साल ज्यादा खतरे की आशंका जता रहे हैं। राजधानी में साल 2019 में 1,893 मामले डेंगू के दर्ज किए गए थे। चक्रीय पैटर्न के अनुसार चार साल बीतने के बाद अब इस साल डेंगू का प्रकोप हो सकता है। हर साल अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा मामले आते हैं। ऐसे में ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। एक्सपट्र्स की मानें, तो दीपावली के बाद डेंगू की गति पर ब्रेक लगने की उम्मीद है। फिलहाल, दिन में गर्मी और रात को तापमान कम है, जो डेंगू मच्छर के लिए पीक मौसम माना जाता है। अक्टूबर के बाद तापमान कम होता है। इसमें मच्छर पनपने की संभावना कम हो जाती है।
शहर में हर दूसरे घर में कोई न कोई बुखार से पीडि़त है। वायरल के बीच डेंगू की एंट्री ने लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। सरकारी आंकड़ों में तो डेंगू की रफ्तार कम है, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों और निजी लैब में बुखार से पीडि़त 30 प्रतिशत लोगों की रिपोर्ट डेंगू पाजिटिव आ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग उसे पाजिटिव नहीं मान रहा है। यही वजह रही कि निजी लैब में पाजिटिव निकली दो पीडि़तों की मौत के बाद भी विभाग ने उनको डेंगू पाजिटिव नहीं माना। डाक्टरों का कहना है कि इस बार डेंगू शुरुआत में कोई खास लक्षण नहीं दिखा रहा है, लेकिन बाद में समस्या बढ़ा रहा है।