नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण का एक दशक तक नेतृत्व करने वाले डेनिस लिली शुक्रवार को 76 वर्ष के हो गए। जब वह खेलते थे कप्तान उन पर आंख बंद करके भरोसा करते थे। लिली ऐसे गेंदबाज थे, जो अक्सर ऐसे समय में सफलता दिलाते थे जब सफलता असंभव लगती थी। यहां हम आपको लिली से जुड़े कुछ अहम किस्से सुनाएंगे।

कौन हैं डेनिस लिली?

डेनिस लिली ने 1971 से लेकर 1984 तक ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधत्व किया। उन्होंने कंगारुओं के लिए 70 टेस्ट और 63 वनडे खेले। टेस्ट में उनके नाम 23.92 की बेहतरीन औसत और 52 के स्ट्राइक रेट से 355 विकेट लिए। वहीं, वनडे में उन्होंने 20.82 की बेहतरीन औसत और 34.8 के स्ट्राइक रेट से 103 विकेट लिए। टेस्ट की एक पारी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 83 रन देकर सात विकेट है, जबकि वनडे में 34 रन देकर पांच विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

जब लिली ने सचिन को कर दिया था रिजेक्ट

भारतीय महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को अपने करियर के शुरुआती दिनों में लिली की बेरुखी झेलनी पड़ी थी। दरअसल, बल्लेबाजी से पहले सचिन ने गेंदबाजी में हाथ आजमाया था। वह तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। इसके लिए वह 1987 एमआरएफ पेस फाउंडेशन में भी गए थे, लेकिन वह अपने इस सपने को पूरा नहीं कर पाए। एमआरएफ पेस फाउंडेशन में सचिन की मुलाकात ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज डेनिस लिली से हुई थी, जो उस वक्त वहां के निदेशक थे। उन्होंने सचिन को तेज गेंदबाजी छोड़ने के लिए कहा था। लिली ने तेंदुलकर से कहा कि वह गेंदबाजी की जगह बल्लेबाजी पर ध्यान लगाए। इस पर लिली ने एक बार कहा था कि वह इस बात को लेकर काफी शर्मिंदा थे कि उन्होंने सचिन की गेंदबाजी को खारिज कर दिया था।

बल्लेबाजी से किया था लिली को प्रभावित

जब सचिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन में दोबारा गए तो वह 15 साल के थे। तब उन्होंने लिली को अपनी बल्लेबाजी से हैरान कर दिया। उन्होंने नेट्स पर लगातार दो चौके लगाकर लिली को प्रभावित किया था। लिली ने उस घटना का जिक्र करते हुए कहता था, 'जब सचिन 12 गेंद पर 48 रन बनाकर खेल रहा था तो मैंने मुख्य कोच टीए शेखर से पूछा था कि यह लड़का कौन है? इस पर शेखर ने मुझसे कहा कि यह वही है जो तेज गेंदबाज बनना चाहता था और आपने मना कर दिया था।'

लिली ने क्या कहा था?

लिली एमआरएफ पेस फाउंडेशन में 25 साल काम करने के बाद जब वह रिटायर हुए थे तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था, 'सचिन को खारिज करके मैंने क्रिकेट और उसके लिए अच्छा काम किया था। मैंने क्रिकेट पर अहसान किया था। मैं उस घटना को कभी नहीं भूलूंगा। उसके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज से पहले ही मुझे पता चल गया था कि वह एक दिन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में एक बनेगा।'

लांस गिब्स के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा

विश्व क्रिकेट के महान गेंदबाजों में से एक लिली ने तमाम उपलब्धियां हासिल की। उन्होंने लांस गिब्स के 309 टेस्ट विकेटों के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा और सिर्फ 70 मैचों में 355 शिकार करके सर्वकालिक महानतम खिलाड़ियों में से एक के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। संन्यास के बाद से उन्होंने तेज गेंदबाजों की नई पीढ़ी को तैयार करने का फैसला लिया।

थॉमसन और लिली ने बरपाया था कहर

1970 के दशक में लिली को तेज गेंदबाज जेफ थॉमसन का साथ मिला। समय के साथ ये जोड़ी उस दौर की सबसे खतरनाक गेंदबाज जोड़ी बन गई थी। जेफ थॉमसन और डेनिस लिली के विश्व क्रिकेट पर प्रभाव के बारे में आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि दोनों ने 1974 से लेकर 1985 तक इंग्लैंड के बल्लेबाजों को घुटने पर ला दिया था। थॉमसन ने इस दौरान एशेज में 20 मैचों में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा 97 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 46 रन देकर छह विकेट रहा था। वहीं, लिली थॉमसन के बाद दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने इस दौरान एशेज में 17 टेस्ट में 89 विकेट लिए थे। लिली का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89 रन देकर सात विकेट रहा था।