लगातार बढ़ रही महंगाई और इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा लोगों के लिए अत्यंत जरूरी हो गया है। कोरोना काल के बाद इसकी महत्ता और बढ़ गई है। यह न सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में मददगार होता है बल्कि अस्पताल खर्चों से वित्तीय सुरक्षा भी देता है।

अगर आप भी इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च के लिए व्यापक कवरेज और वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं, तो को-इंश्योरेंस (सह-बीमा) मददगार साबित हो सकता है। यह स्वास्थ्य बीमा में एक ऐसी अवधारणा है, जिसमें इलाज खर्च की लागत कई बीमा कंपनियों के बीच साझा की जाती है।

सह-भुगतान से है अलग

को-इंश्योरेंस सह-भुगतान (को-पे) से अलग है। सह-भुगतान में पॉलिसीधारक को मेडिकल बिल का एक निश्चित हिस्सा (फीसदी) चुकाना पड़ता है, जबकि को-इंश्योरेंस में पॉलिसीधारक के इलाज खर्चों का भार दो या अधिक बीमा कंपनियों के बीच बांटा जाता है।  

यह व्यवस्था वित्तीय जोखिम को बांटती है और उच्च मूल्य वाले बीमा या बड़े मेडिकल क्लेम के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करती है।

कंपनियों के बीच पहले से होता है जोखिम निर्धारण

को-इंश्योरेंस अवधारणा के तहत हर बीमा कंपनी जोखिम का एक हिस्सा उठाती है। इसका अर्थ है कि वे पॉलिसी के तहत किए गए किसी भी दावे का एक तय हिस्सा चुकाने के लिए उत्तरदायी होंगे।   हर बीमा कंपनी से जोखिम की कितनी फीसदी राशि ली जाएगी, यह पहले से निर्धारित होता है।  
पूर्व निर्धारण व्यवस्था के तहत ही बीमा कंपनियां अपनी-अपनी हिस्सेदारी के अनुसार इलाज खर्चों का भुगतान करती हैं।

उदाहरण से ऐसे समझें

मान लीजिए, एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में दो बीमा कंपनियां शामिल हैं। पहली कंपनी 60 फीसदी और दूसरी कंपनी शेष 40 फीसदी जोखिम को कवर करती है। अगर इलाज पर एक लाख रुपये का खर्च आता है, तो पहली कंपनी 60,000 रुपये और दूसरी कंपनी 40,000 रुपये का भुगतान करेगी। 

इनके लिए लाभदायक

बड़ी संस्थाएं : जो संस्थाएं अपने सदस्यों के लिए व्यापक कवरेज चाहती हैं, उनके लिए को-इंश्योरेंस अच्छा विकल्प है। इसमें बेहतर शर्तों पर उच्च कवरेज मिलता है।
हाई नेटवर्थ वाले व्यक्ति : व्यापक सुरक्षा के साथ व्यक्तिगत बीमाकर्ताओं का जोखिम कम करने वाले इन लोगों के लिए यह सुविधा फायदेमंद है।

स्थिर रहती हैं प्रीमियम की दरें

को-इंश्योरेंस रणनीतिक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें वित्तीय जोखिम कई बीमा कंपनियों के बीच विभाजित होता है। यह पॉलिसीधारक के लिए सहज रूप से काम करता है। इस सुविधा में पॉलिसीधारकों के लिए प्रीमियम दरें स्थिर रहती हैं और बीमा कंपनियों के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।