भोपाल ।    कोलार थाने के दो आरक्षकों ने गुंडे बदमाशों की तरह अपने दो साथियों के साथ एक ज्वेलर्स को जबरन कार में बैठाया और अड़ीबाजी कर उससे 5.50 लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद व्यापारी ने पूरे मामले की शिकायत गृहमंत्री, डीजीपी व पुलिस आयुक्त से कर दी थी।

पुलिस आयुक्‍त ने दोनों को किया निलंबित

जांच के बाद पुलिस आयुक्त ने दोनों को निलंबित कर उनके खिलाफ कोलार थाने में एफआइआर दर्ज करा दी है। पुलिस आयुक्त प्रणाली के लागू होने के बाद पुलिस कर्मियों के विरुद्ध की गई अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

घर लौटने के दौरान हुई वारदात

जानकारी के मुताबिक मां पार्वती नगर कोलार निवासी गौरव जैन (38) ज्वेलर्स हैं। इसके अलावा मसाले का कारोबार भी करते हैं। मंगलवार को वह कटिंग कराने के बाद दोपहर तीन बजे घर लौट रहे थे तभी रास्ते में उनके वाहन को एक कार ने ओवरटेक कर रोक लिया।

पिस्‍टल तानकर हाथ ऊपर कर कार में बैठने को कहा

कार से कोलार थाने के आरक्षक देवेंद्र श्रीवास्तव और रोहित शर्मा निकले। उनके साथ में दो अन्य साथी भी थे। इन लोगों ने मिलकर गौरव पर पिस्टल तानकर फिल्मी स्टाइल में हाथ ऊपर कर कार में बैठने के लिए कहा और धमकी देने लगे की तुम्हारा पुराना वारंट निकला है। इसमें तीन और चार माह तक जमानत नहीं होगी।

दस लाख में मामला रफादफा करने की बात की

इस पर गौरव ने उसे थाने लेकर चलने के लिए कहा, लेकिन दोनों सिपाही और चारों लोग उससे 10 लाख रुपये में मामले को रफादफा करने की बात कहने लगे। जब उसने मना किया तो वह उसे चूनाभट्टी से कलियासोत डैम की तरफ ले गए। बाद में चारों ने मिलकर कारोबारी के साथ कार के अंदर लात घूंसों से मारपीट की। बाद में पिस्टल दिखाकर उसे जान से मारने की धमकी देने लगे। इससे वह डर गया और पांच लाख रुपये देने की हामी भर दी।

दोस्त से मांगकर दिए पांच लाख रुपये

गौरव जैन ने अपने दोस्त से पांच लाख रुपये मांगकर चारों लोगों को दे दिए। पांच लाख लेने के बाद आरोपित उसे एक बार फिर से कार में ही पालीटेक्निक चौराहा ले गए। जहां पर दोनों के साथी उतर गए।
कोलार थाने के आरक्षक देवेंद्र और रोहित ने गौरव से कहा कि यह दोनों अलग शाखा के लोग हैं, उसके बाद देवेंद्र और रोहित ने एक लाख रुपये और मांगे। बाद में इन दोनों को व्यापारी अपने घर ले गया और पत्नी से 50 हजार रुपये लेकर इन दोनों पुलिसकर्मियों को दिए। इसके बाद भी दोनों 50 हजार रुपये और मांगने लगे। इतना ही नहीं, व्यापारी ने मना किया तो उस पर पिस्टल तानकर एनकाउंटर करने की धमकी देकर चले गए।

गृहमंत्री और कमिश्नर से शिकायत

गौरव जैन ने पूरे मामले की लिखित शिकायत गृह मंत्री, डीजीपी और पुलिस आयुक्त से की थी। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने डीसीपी विजय खत्री को जांच सौंपी थी। जांच में दोनों आरक्षकों के खिलाफ शिकायत सही पाई गई। इसके आधार पर कार्रवाई की है। हालांकि घटना के बाद से दोनों आरक्षक थाने से गैरहाजिर हैं।

पुलिस ने नहीं लगाई अपहरण की धारा

देवेंद्र श्रीवास्तव को कोलार थाने में तीन साल पूरे होने को आ गए हैं, जबकि रोहित को छह माह तैनात हुए हो चुके हैं। इससे पहले भी उनकी अभद्र व्यवहार करने की शिकायत आती रहती थी, लेकिन इस तरह का मामला पहली बार आया है। टीआइ कोलार चंद्रकांत पटेल ने बताया कि आरोपितों पर 342, 419, 170, 384 323 की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है जबकि अपहरण की धारा नहीं लगाई गई है।

विवादों में रहा है थाना

कोलार थाना नए साल में विवादों में रहा है। कुछ माह पहले इसी थाने की पुलिस ने एक सटोरिए पर अवधपुरी में अड़ीबाजी की थी। उस समय भी थाना पुलिस ने क्राइम ब्रांच का बताकर उससे रुपये ले लिए थे, लेकिन आला अधिकारियों तक मामला पहुंचा लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधायक की अनुशंसा पर इसी थाने के सात पुलिस कर्मियों के तबादले किए थे, लेकिन थाने से एक को छोड़कर किसी को नहीं हटाया गया।

इनका कहना है

शिकायत के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ कोलार थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उनकी गिरफ्तारी के लिए कोलार पुलिस प्रयास कर रही है।

- मकरंद देऊस्कर, पुलिस आयुक्त भोपाल