हर वर्ष होली से एक दिन पहले होलिका दहन की परंपरा है. इसके बाद लोग होली का त्योहार मनाते हैं. होली से ठीक पहले होलिका दहन को भी लोग इतने ही धूमधाम से मनाते हैं. लेकिन होलिका दहन को लेकर कई सारी पौराणिक मान्यताएं भी हैं. ऐसी मान्यता है कि कुछ लोगों को होलिका दहन ना तो देखना चाहिए और ना ही उसमें शामिल होना चाहिए. ऐसे लोगों को होलिका दहन से दूर ही रहना चाहिए, नहीं तो उनके जीवन में बड़ी परेशानी आ सकती है या उन्हें कई अन्य तरीके के परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है.

दांपत्य जीवन में आएगी परेशानी
ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य बताते हैं कि होलिका दहन को लेकर कई सारे पौराणिक नियम है. इसके अनुसार शादी के बाद पहली बार नई-नवेली दुल्हन को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए. ऐसा करना उनके लिए अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि अगर कोई नई नवेली दुल्हन होलिका दहन देख ले या उसमें शामिल हो जाये, तब उसके दांपत्य जीवन में परेशानी आ सकती है. उनके जीवन में संकट भी आ जाते हैं.

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इसके अलावा जो महिला गर्भवती हो, उसे भी होलिका दहन से दूर ही रहना चाहिए. ऐसा करने से उसके गर्भस्थ शिशु पर बुरा असर पड़ता है और इसके अनदेखी करने से जच्चा बच्चा दोनों को शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

होलिका दहन से दूर ही रहे ये लोग
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू परंपरा में होलिका दहन को लेकर और भी कई नियम है. उन्होंने बताया कि जिस भी व्यक्ति की इकलौती संतान हो, उसे भी होलिका दहन नहीं देखना चाहिए, ना ही उन्हें होलिका की पूजा करनी चाहिए. इसकी जगह पर किसी बड़े बुजुर्ग को होलिका दहन में शामिल करना चाहिए. कहा जाता है कि जिस जगह होलिका दहन किया जाता है, वह जगह एक तरीके से श्मशान के समान होता है और वहां नकारात्मक शक्तियों का वास होता है.