(Advisornews.in)
सुधीर पाण्डे
भोपाल(एडवाइजर):
मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हालत बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। अब तक यह संकेत नाराज़ कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के स्तर से मिल रहे थे। परंतु अब पार्टी के सबसे बड़ें नेता अमित शाह ने इंदौर में स्वयं मान लिया है कि पार्टी की हालत ठीक नहीं है। अमित शाह ने रविवार को विजय संकल्प कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के लिये इंदौर आये थे। अमित शाह ने इस दौरान चुनावी रणनीति की विस्तर से हर स्तर पर चर्चा की। यह तय हो गया कि आगामी विधानसभा चुनाव भाजपा किसी विधायक या सांसद के नाम पर नहीं लड़ेगी, यह चुनाव संगठन के नाम पर लड़ा जायेगा। जानकारों के अनुसार किसी व्यक्ति को सामने रखकर विधानसभा चुनाव लड़ने की स्थिति में भाजपा अभी नहीं है। 18 वर्षो के शासन काल के दौरान आम मतदाता के बीच पैदा हुआ मानसिक विद्रोह भाजपा के लिये चिंता का विषय बना हुआ है। अमित शाह ने 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के हार की भी समीक्षा की। पिछली बार हारी हुई विधानसभा सीटों में कैसे जीत दर्ज की जाय इसके लिये रोड़मेप भी बनाया गया। अमित शाह ने बताया कि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में कैसे आदिवासी क्षेत्रों 47 सीटों में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अपने प्रवास के दौरान अमित शाह चुनाव की तैयारियों के लेकर कहीं अधिक असंतुष्ट नज़र आ रहे थे, उन्होंने स्पष्ट कहा कि जैसा कह रहा हूं हो जाना चाहिए। वर्ष 2018 में हमसे गलती हुई थी इस बार वह गलती नहीं दौहराना है, इसलिये कह रहा हूं कि मध्यप्रदेश की जीत हमारे लिये बहुत जरूरी है। यदि हम मध्यप्रदेश जीत गये तो समझों अगले 50 साल केन्द्र में भी भाजपा की सरकार रहेगी। अमित शान ने अपनी बैठक के दौरान उन वरिष्ठ नेताओं की भी बात की जो पार्टी संगठन से नाखुश है। उन्होंने जिला प्रभारियों और अध्यक्षों से कहा कि पार्टी के नाखुश सदस्यों को चुनाव में महव्पूर्ण भूमिका दी जाय। हमारा बूथ कार्यकर्ता चुनाव जीताने में सक्षम है और हमें चुनाव प्रचार के दौरान किसी बड़े नेता की जरूरत ही नहीं है। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिव प्रकाश, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, रेलमंत्री अश्विन वैश्नव और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा भी शामिल हुये। शाह ने अपने उद्बोधन के दौरान इंदौर के जिलाध्यक्ष को यह निर्देशित किया कि 10 अगस्त तक कार्यकर्ता सम्मेलन पूरे हो जाने चाहिए और इस बार 230 विधानसभा सीटों पर 15 अगस्त से पहले चुनाव कार्यालय खुल जाने चाहिए। प्रदेश संगठन को चेतावनी देते हुये उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी ताकत और सक्रियता के साथ चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। मैं जिलाध्यक्षों से स्वयं बात करूंगा कि सच में तैयारिया पूरी हुई या नहीं। अमित शाह के जल्दी-जल्दी हो रहे प्रदेश प्रवासों ने यह संकेत तो दे दिया है कि राज्य में स्थितियां सामान्य नहीं है। केन्द्रीय संगठन को मिली सर्वेक्षणों की सूचनाओं ने भाजपा हाई कमान को भी सतर्क कर दिया है। कभी अमित शाह पार्टी पदाधिकारियों को यह स्पष्ट संकेत दे रहे है कि मध्यप्रदेश राजनैतिक दृष्टि से हमारे लिये बहुत अहम है, यहां सक्रियता में कमी नहीं आना चाहिए। अब चुनाव तक न खुद चैन से बैठना है और कार्यकर्ताओं का उत्साह कम होने देना है। इंदौर प्रवास के दौरान कांग्रेस के नेता पंकज संगवी ने अमित शाह से मुलाकात कर इस दौरे को एक नया राजनैतिक रंग दे दिया यह बात अलग है कि संगवी, गुजराती सदस्यों के साथ एक बड़े आयोजन का निमंत्रण देने के लिये शाह से मिले थे।