(Advisornews.in)
सुधीर पाण्डे
भोपाल(एडवाइजर):
भारत में लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 में निर्धारित है। परंतु अभी से ही चुनावों को सामने रखकर छोटी बड़ी रणनीति पर भाजपा ने काम शुरू कर दिया है। सरकारी स्तर पर उन सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है, जो भारत के आम मतदाता के दिल और दिमाग में केन्द्र की कल्याणकारी नीतियों के प्रति आस्था पैदा कर सकें। समूचे देश में कौशल विकास के माध्यम से आम व्यक्ति तक छोटे-छोटे उद्योग और रोजगार पहुंचानें की एक बड़ी मुहिम शुरू की गई है। भारत को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में किसी व्यक्ति को रोजगार लायक बनाना और उसी युवा व्यक्ति को चार अन्य युवाओं को रोजगार देने के योग्य बनाना प्राथमिकता पर आ चुका है।
कौशल विकास के इस कार्यक्रम को पिछले 8 वर्षो के दौरान धीरे-धीरे गति दी गई। वर्तमान में युवाओं की प्रवृत्ति बदलते-बदलते स्वयं के रोजगार की ओर अधिक तेजी से मुड़ रही है। केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय, स्वयं इस प्रवृत्ति को दिशा और पोषण देने के लिये लगातार कार्य कर रहे हैं। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, इस कार्यक्रम पर निगाह रखते हैं और इसकी प्रगति की विवेचना समय-समय पर कर, लक्ष्य प्राप्ति के लिये छोटे और बड़ें कार्यक्रमों की समीक्षा भी करते हैं। 
केन्द्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुये, पूरे देश में चल रहे 250 से अधिक कौशल विकास मंत्रालय के जन शिक्षण संस्थानों को कौशल प्रशिक्षण और छोटे व्यवसायों की स्थापना में मदद के लिये माध्यम बनाया है। वैसे भी देश भर में काम कर रहे जन शिक्षण संस्थान पिछले कई वर्षो से केन्द्र सरकार की योजनाओं का जिम्मेवारी से पालन कर रहे हैं। प्रत्येक वर्ष इन संस्थानों द्वारा दिये जाने वाले प्रगति प्रतिवेदन और समस्त लेखा-जोखा केन्द्र सरकार को एक बड़ी योजना के जिम्मेवारीपूर्ण निर्वाहन का प्रमाण देता रहा है। 
मण्डला और मध्यप्रदेश के आदिवासी जिलों में इस कार्यक्रम की उपयोगिता बहुत अधिक है। रोजगार के सही अवसर क्षेत्र में न होने के बावजूद पिछड़े जिलों में उन संस्थानों से प्रशिक्षण कई युवाओं ने अपने छोटे-छोटे व्यवसायों को प्रारंभ कर सफलता की नई कहानियां लिखी है। मण्डला में कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को केन्द्र सरकार ने अब बढा दिया है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री स्वरोजगार के लिये प्रशिक्षण एवं सहयोग कार्यक्रम को भी जिले में लागू किया गया है। इस तरह के कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्म निर्भर भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिये अब तक काफी प्रमाणित सिद्ध हुये हैं। भविष्य में भी यह उम्मीद की जाती है कि स्वरोजगार स्थापना के लिये उठाये गये इन कदमों से राज्यों में ही नही देश में भाजपा को एक स्वावलंबी युवाओं की सेना मिलेगी जो इस देश के विकास के लिये अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगी। मण्डला जिले में विशेषकर स्थानीय सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते के सीधी और विशेष रूची ने आत्म निर्भरता के इस अभियान को अधिक गति दी है। श्री कुलस्ते, लगातार योजनाओं की समीक्षा करने और आम मतदाताओं के मध्य सम्पर्क के माध्यम से प्रगति के प्रत्येक चरण का व्यवहारिक अध्ययन करते हैं। अब तक प्राप्त अनुभव के अनुसार फग्गन सिंह कुलस्ते द्वारा केन्द्र सरकार की योजनाओं के मण्डला जिले में व्यवहारिक क्रियान्वयन को अधिक सुनिश्चित करने के कारण राज्य के किसी अन्य सासंद से कुलस्ते का कद कहीं ऊंचा है। व्यवहारिक शब्दों में कहा जाए तो मण्डला को कुलस्ते के रूप में न सिर्फ एक जागरूक सांसद मिला है बल्कि भाजपा की सरकार को आदिवासी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री की इच्छा के अनुरूप एक नये आदिवासी समाज के गठन के लिये बहुमुखी प्रतिभा का सहयोगी भी मिला है। कौशल विकास मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा प्रशिक्षण का यह विशेष अभियान पूरे देश की दिशा और दशा को बदलने में सक्षम है। पहली बार केन्द्र सरकार का कोई मंत्रालय जमीन में क्रियान्वित की जा रही इस योजना के बारे में इतना स्पष्ट, चिंतन और मार्गदर्शन निचले स्तर तक पहुंचाने में कामयाब हो रहा है। यही आधार है प्रधानमंत्री मोदी के नये भारत के निर्माण की बुनियाद की सफलता का।