(Advisornews.in)
सुधीर पाण्डे
भोपाल(एडवाइजर):
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी में आज हुई एक पत्रकारवार्ता में इस मिथक को तोड़ दिया, कि कांग्रेस के पास अब कोई विचारशील और विपक्षी तेवर वाला नेता शेष नहीं रह गया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने एक पत्रकारवार्ता आयोजित कर पहली बार, राजनीतिक मर्यादाओं के अनुरूप भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर बिन्दुवार प्रहार किया। कांग्रेस कमेटी ने छः पेज का एक प्रेस नोट जारी करके, पत्रकारवार्ता में उल्लेखित सभी बिंदुओं को शायद पहली बार हथियार बनाकर सरकार के विरूद्ध उपयोग किया। यह माना जाता रहा है कि तंत्रमंत्र, जादूटोने और कागजी दावों का सहारा लेकर कांग्रेस अपने मध्यप्रदेश के इतिहास को कहीं काल्पनिक मजबूती देने का काम करती रही है। राज्य विधानसभा में प्रस्तुत किया गया भाजपा सरकार के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव एक बानगी था। जहां अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष की सदन में अनुपस्थिति के बाद स्वयं अपनी 15 माह की सरकार के विभिन्न आरोपों में घेर दी गई थी।
आज हुई पत्रकारवार्ता ने यह स्पष्ट कर दिया है, कि कांग्रेस में अभी भी राजनीति के सि़द्धांतों के अनुसार राजनैतिक व्यवहार करने वाले नेता मौजूद है। यह बात अलग है कि उन्हें अवसर नहीं के बराबर मिल रहा है, पर शायद कांग्रेस के जिन्दा रहने के लिये इन नेताओं की उपस्थिति अनिवार्य है।
श्री पचौरी ने अपनी पत्रकारवार्ता में भाजपा की विकास यात्रा को लक्ष्य करते हुये घटना क्रमों का उदाहरण दिया। जहां इस यात्रा को आम व्यक्ति की इस उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। मध्यप्रदेश सरकार की असफलताएं गिनाते हुये, कांग्रेस के इस अनुभवी नेता ने मध्यप्रदेश के खाली खजाने नीति आयोग के शिक्षा, कुपोषण और स्वास्थ्य जैसे मामलों में मध्यप्रदेश के निम्न स्तरीय प्रदर्शन का उल्लेख किया। वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरूद्ध स्कूली बच्चों से काव्य पाठ कराने की घटनाओं का उल्लेख कर राष्ट्रीय सम्मान को पहुंचाएं जा रहे आघात पर भी चर्चा की। 
मध्यप्रदेश सरकार की असफलताओं की लम्बी सूची में पचौरी ने उन समस्त दस्तावेजों का उल्लेख किया जो प्रमाणित करते है, कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार बुनियादी ढ़ाचें को पोषित करने के स्थान पर क्रमशः उसे समाप्त करने पर आमादा है। राज्य में हुये व्यापम घोटाले, सिहस्थ घोटाले, मध्याहन भोजन घोटाला और कारम डेम जैसे घोटाले से प्रदेश के शर्मसार होने की घटनाओं का भी पचौरी ने उल्लेख किया है। अपनी पत्रकारवार्ता के दौरान पचैरी ने कमलनाथ सरकार की उपलब्धियों का भी गुणगान किया। परंतु जितनी उपलब्धियां पचौरी ने इस दौरान बताई हैं वे जनचर्चा का विषय क्यों नही बन सकी, इस पर प्रकाश डालना वे भूल गये। उन्होंने यह उल्लेख किया कि यदि कमलनाथ सरकार कार्यकाल पूर्ण कर लेती, तो मध्यप्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनने से कोई नहीं रोक सकता था। 
कमलनाथ सरकार अपना कार्यकाल किन कारणों से पूरा नहीं कर पाई, इस पर आने वाले कई वर्षो तक चर्चा होती रहेगी। क्या 15 महीनों की सरकार के विकास कार्य पत्रकारवार्ता में उल्लेखित बिन्दुओं तहतः उतने प्रभावशील थे। यदि जवाब हां है, तो यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि प्रदेश की जनता को उनके हित में दिये गये इतने निर्णयों की जानकारी सही समय पर दे पाने में कमलनाथ सरकार क्यों असफल रही। पचौरी ने अपनी पत्रकारवार्ता में एनडीए सरकार की नाकामियों की एक लम्बी सूची जारी की है। उन्होंने अडानी जैसे मामलें में सरकार की चुप्पी पर प्रश्न उठाया है, और लगभग उन सभी सवालों का जवाब मांगा है जो इन दिनों राष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित है।
कूल मिलाकर एक लम्बे समय के बाद कांग्रेस में विषय पर बिन्दुवार बात करने वाला कोई राजनैतिक चरित्र सामने आया है। वर्ना अबतक केवल षड़यंत्र, परिवार, स्वयं का व्यवसाय और भाजपा सरकार के साथ मिलकर चलने की नीति, प्रश्न न उठा पाने का साहस कांग्रेस के लिये चिंता का सबब बनी हुई थी। यह तय है, कि इतने स्पष्ट बिन्दुओं को उठाने का मौका अब शायद कांग्रेस में किसी को मिले, पर दो दशक की राजनैतिक यात्रा में यह पत्रकारवार्ता एक समाचार संदर्भ के रूप में हमेशा सुरक्षित रहेगी।