(Advisornews.in)
सुधीर पाण्डे
भोपाल(एडवाइजर):
हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं पर अपनी ठेकेदारी स्थापित करने और स्वयं को किसी देवता का सबसे बड़ा भक्त बताने की प्रतिस्पर्धा, भारतीय राजनीति के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति में भी सर्वव्यापी हो गई है। आज यदि अयोध्या में रामलला का मंदिर बनता है तो उसका श्रेय विश्व हिन्दू परिषद सहित, अन्य उग्र हिन्दू संगठनों के माध्यमों से शिखर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी तक पहुंच जाता है। उद्बोधन होता है मैं ही था! जिसने राम मंदिर के निर्माण को पूरा किया। दूसरी ओर अपनी राजनीति को वर्तमान के प्रभावी आशीर्वाद से पूर्ण करने के लिये छतरपुर पहुंचे, हनुमान भक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ यह घोषणा करते हैं कि मैंने 100 से अधिक फीट की हनुमान प्रतिमा स्थापित की है दूसरे अर्थो में, मैं ही सच्चा हनुमान भक्त हूं।
अब मंदिर की भव्यता और हनुमानजी की प्रतिमा की ऊंचाई अहंकार के दायरे में, मैं को सबसे बड़ा भक्त घोषित करने पर आ चुकी है। छोटे-मोटे भक्त जो प्रकृति में ईश्वर को पूछतें है सतर्क हो जाएं, कि आने वाले समय में उनके अस्तित्व पर इन कथित मय भक्तों का गहरा प्रभाव पड़ने वाला है। दूसरे अर्थो में अहंकार से युक्त हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाती हुई पत्थरों की संरचनाएं और भवन अब हमारी श्रद्धा को छोटा या बड़ा बनाने का काम करेंगे।
चुनाव के करीब आने के साथ ही इस मय को लेकर सभी दलों के नेता चमत्कारी बाबाओं, अनुष्ठान करने वाले संतो और तांत्रिकों के दरवाजें पर हमेशा मत्था टेकते रहे। अपने राजनैतिक जीवन में उन्होंने कोई सतकार्य किया हो या नहीं भरोसा होता है कि एक क्विंटल मिर्च हवन की धूनी में जला देने से उनका राजनैतिक भविष्य सुरक्षित हो जायेगा, कभी-कभी अचानक ऐसा हो भी जाता है। 
कांग्रेस हमेशा से अपने आपको सभी धर्मो और जातियों के लिए राजनीति करने वाला एक दल मानती थी। आज स्थिति यह हो गई है कि भाजपा की प्रगति से दुःखी कांग्रेस हर उस चैखट पर नाक रगड़ने को तैयार है जहां से उसे एक महान और स्थापित हिन्दू होने का प्रमाण पत्र मिल सकें।
धर्म वास्तव में एक अंतर्निहित भावना है, ईश्वर को सनातन में प्रकृति माना गया है। परंतु कांग्रेस के हवाई नेताओं ने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है, कि बिना चंदन तिलक लगाए हाथ में ढ़ेर सारे धागे बांधे बिना हिन्दू कहलाना मुश्किल है। ऐसा नहीं है कि अचानक हिन्दू बनने वाली इस जमात को और स्वयं को हिन्दू घोषित करके भारत के आम नागरिक का लगातार शोषण करने वाली जमात को आम मतदाता पहचानता नहीं हैं। कोई भी राजनैतिक दल इस समय हिन्दू होने के और सबसे बड़ा भक्त होने के अपने दावें को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहता। इसलिए 100 फिट से ऊंची हनुमान प्रतिमा खड़ी करने वाले नेता का सबसे बड़ा हनुमान भक्त बन जाना आश्चर्य पैदा नहीं करता। वैसे भी संविधान की समस्त मान्यताओं को तोड़कर इस देश को धर्म निरपेक्ष स्वरूप से अलग करके हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिये लगातार यज्ञ अनुष्ठान किये जा रहे हैं। इसी अनुष्ठान के पहले दिन छतरपुर में बागेश्वर महाराज के सामने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने उपस्थिति दर्ज कराके अपनी मुख सहमति व्यक्ति की है। जिसे बल देने के लिये भाजपा के विद्वान मुख्यमंत्री भी शिवरात्रि के दिन बागेश्वरधाम में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे। इसमें संदेह नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस और भाजपा की हिन्दू राष्ट्र बनाने की सहमति के बाद बागेश्वरधाम इस भारत के संविधान को अंगूठा दिखाकर हिन्दू जागृति का सबसे बड़ा प्रतिक चिन्ह बन जायेगा।