भोपाल ।   गैस पीड़ित मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर किए जाने पर अब कोई असुविधा नहीं होगी। भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र तथा गैस राहत विभाग ने एक साथ मिलकर रेफरल सिस्टम को सुदृढ़ किया है। इसके तहत एक कॉमन रेफरल फॉर्म तैयार किया गया है। बीएमएचआरसी या गैस राहत विभाग के किसी भी अस्पताल (कमला नेहरू अस्पताल, शाकिर अली खान अस्पताल, जवाहर लाल नेहरू गैस राहत अस्पताल आदि) के डॉक्टरों को मरीज को रेफर करते वक्त इस फॉर्म को भरना होगा और रेफर किए जाने वाले अस्पताल को सूचित करना होगा। यही नहीं, जिस अस्पताल में मरीज को रेफर किया गया है, वहां इलाज में कोई परेशानी आने पर उसकी मदद भी की जाएगी।  बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में हमारे अस्पताल में मेडीसिन, हड्डी रोग, स्त्री रोग, त्वचा रोग जैसे कुछ विभाग उपलब्ध नहीं हैं। वहीं, गैस राहत विभाग के अस्पतालों के कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी जैसे विभाग मौजूद नहीं हैं। ऐसी स्थिति में कई बार बीएमएचआरसी और गैस राहत अस्पताल दोनों को ही मरीजों को आपस में रेफर करना होता है। इस रेफरल प्रक्रिया के दौरान मरीजों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए तत्कालीन व्यवस्था में सुधार के लिए बीते दिनों बीएमएचआरसी व गैस राहत विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में एक कॉमन रेफरल फॉर्म तैयार किया गया है। बीएमएचआरसी और सभी गैस राहत अस्पताल किसी भी मरीज को रेफर करते वक्त इस फॉर्म का इस्तेमाल करेंगे।

इस फॉर्म में मरीज की व्यक्तिगत जानकारी के साथ उसकी बीमारी, वर्तमान स्थिति व जांच आदि की जानकारी उपलब्ध होगी, ताकि रेफर किए जाने वाले अस्पताल के डॉक्टर के पास मरीज की सारी जानकारी पहुंच जाए। रेफर करते वक्त संबंधित अस्पताल के डॉक्टर, रेफर किए जाने वाले अस्पताल के डॉक्टर को सूचित करेंगे। इसके लिए सभी अस्पतालों द्वारा अपने-अपने फोन नंबरों की सूची साझा की गई है। एक सूची भी तैयार की गई है, जिसमें यह वर्णित है कि किस अस्पताल में कौन सी सुविधा उपलब्ध है। डॉक्टर इस सूची के अनुसार ही मरीज को रेफर करेंगे, ताकि उसे परेशान न होना पड़े। मरीज को रेफर करने पर उचित उपचार मिला या नहीं, इसके बारे में भी मेडिकल सोशल वर्कर संबंधित मरीज या उसके रिश्तेदार से फोन पर बात करेंगे और उसकी मदद करेंगे। डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ ऐसे विभाग भी हैं, जो न तो बीएमएचआरसी में उपलब्ध हैं और न ही किसी गैस राहत अस्पताल में। ऐसी स्थिति में मरीज को कॉमन रेफरल फॉर्म भरकर हमीदिया अस्पताल रेफर किया जाएगा और सोशल वर्कर इसके लिए मरीज से समन्वय स्थापित करेंगे।

रेफर किए जाने वाले मरीजों की संख्या में आई  कमी                                                  

डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि हमें मुख्य तौर पर आईसीयू,सीसीयू ,सीटीवीएस-आईसीयू में सभी बिस्तर भरे होने की वजह से मरीज को रेफर करना पड़ता है। वर्तमान में आईसीयू, सीसीयू, सीटीवीएस-आईसीयू में कुल मिलाकर 27 बिस्तर उपलब्ध हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। डायलिसिस व आकस्मिक चिकित्सा इकाई से रेफर किए जाने वाले मरीजों को एंबुलेंस के जरिए संबन्धित अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। उन्होनें कहा कि हमारा प्रयास है कि बीएमएचआरसी में उपलब्ध विभाागों में आने वाले हर मरीज का यहीं इलाज हो जाए और उसे कहीं रेफर न करना पड़े। अस्पताल के सभी विभागों को इस बारे में निर्देश जारी किए गए हैं और रेफरल प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जा रही है। नतीजतन, अब बीएमएचआरसी से रेफर होने वाले मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है।