भोपाल ।  मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 1928 से 1976 के बीच बने पांच कानूनों को समाप्त कर दिया है। इनकी जगह नए कानून आ गए हैं, ऐसे में वर्तमान में ये कानून अनुपयोगी हो गए हैं। इन्हें समाप्त करने के लिए विधानसभा के दिसंबर माह के शीतकालीन सत्र में निरसन विधेयक पारित किया गया था। इसे अब राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है और ये पांचों कानून समाप्त कर दिए गए हैं।

इन कानूनों को किया समाप्त

मध्य प्रदेश ब्रोस्टल एक्ट 1928,

मध्यभारत लघुवाद न्यायालय अधिनियम 1949,

मध्य प्रदेश उद्योग राज्य सहायता अधिनियम 1958,

मध्य प्रदेश अश्व रोग अधिनियम 1960 और

मध्य प्रदेश पशु नियंत्रण अधिनियम 1976

इसलिए किए समाप्त

-मध्य प्रदेश ब्रोस्टल एक्ट, 1928 को खत्म करने के लिए जेल विभाग ने सिफारिश की थी, क्योंकि यह ब्रोस्टल इंस्टीट्यूट नरसिंहपुर, जेल विभाग के अंतर्गत था। इसके अंतर्गत 18 से 21 वर्ष की उम्र के युवकों को रखा जाता था। अब इसकी जरूरत इसलिए नहीं हैं, क्योंकि शासन द्वारा किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 के द्वारा 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए अलग से ब्रोस्टल होम के प्रविधान किए गए हैं, जिन्हें मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।

- मध्यभारत लघुवाद न्यायालय अधिनियम 1949 तत्कालीन मध्य भारत के ग्वालियर, इंदौर और मालवा क्षेत्र में लघुवाद न्यायालय स्थापित करने के लिए बनाया गया था। इसकी जगह केंद्र सरकार ने ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर न्याय उपलब्ध कराने के लिए ग्राम न्यायालयों का गठन किया गया है।

- मध्य प्रदेश उद्योग राज्य सहायता अधिनियम 1958 एमएसएमई विभाग के अंतर्गत आता था, जिसे इसलिए समाप्त किया गया है, क्योंकि उद्योगों को सब्सिडी सहित अन्य तरह से आर्थिक सहयोग करने के लिए नए नियम और मापदंड बनाए जा चुके हैं।

- अश्व रोग एक्ट 1960 एवं मध्य प्रदेश पशु नियंत्रण एक्ट 1976 दोनों ही अधिनियमों को पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा अनुपयोगी और प्रभावहीन बताया गया था।