भोपाल ।  कूनो नेशनल पार्क में पिछले चार माह से बाड़ों में रखे गए छह और चीतों को जून अंत तक खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा। वन्यप्राणी मुख्यालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही कालर आइडी के माध्यम से चीतों की ट्रैकिंग कर रहे दलों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अब 24 घंटे में तीन की जगह चार दल चीतों की निगरानी करेंगे। इसके लिए पार्क में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। चीता परियोजना संचालन समिति की पिछले दिनों हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई है। समिति ने माना है कि चीतों को और कुछ समय बाड़ों में रखना उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है इसलिए उन्हें जंगल में खुला छोड़ना ही उचित रहेगा। बता दें, वर्तमान में नौ चीते खुले जंगल में हैं। इन्हें संभालना चुनौती बना हुआ है। दरअसल विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर, 2022 से बाड़ों में बंद (पहले दक्षिण अफ्रीका और 18 फरवरी से कूनो) इन चीतों को जल्दी खुले जंगल में छोड़ना पड़ेगा, ऐसा नहीं हुआ तो अनहोनी हो सकती है। पहले ही तीन चीते और तीन शावकों की मृत्यु हो चुकी है। इसी आशंका के चलते पांच अप्रैल को प्रदेश के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान ने भी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और वन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था।

अभी दो चीते बाड़े में ही रहेंगे। इनमें एक नर चीता पवन है, जो बहुत चंचल है और बार-बार कूनों की सीमा से बाहर निकल रहा है। उसे पिछले माह ट्रैंक्युलाइज कर वापस लाया गया और बड़े बाड़े में छोड़ा गया। दूसरी मादा चीता ज्वाला है, जिसने मार्च में चार शावकों को जन्म दिया था। उसके एकमात्र जीवित शावक को पार्क में ही स्थित अस्पताल में रखा गया है।मानसून आने के बाद इसे वापस बाड़े में मां के साथ छोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। कर्मचारियों की संख्या और संसाधन बढ़ेंगे वर्तमान में पार्क में स्वीकृत संख्या से 50 कर्मचारी कम हैं। इनकी संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है। भोपाल में हुई एनटीसीए की बैठक में केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पार्क में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने को कहा था। इसके बाद इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

वर्जन 

अभी जो चीते बाड़ों में हैं, उनमें से छह को मानसून से पहले खुले जंगल में छोड़ देंगे। ट्रैकिंग दल भी बढ़ाए जा रहे हैं।

- जेएस चौहान, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मध्य प्रदेश