नई दिल्ली। बीते 11 साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय रेल उन स्थलों तक पहुंच रही हैं, जहां रेलवे का सपना, बहुत पहले देखा गया लेकिन उस सपने को पूरा करने की दिशा में पहले की सरकारों ने कोई बड़े कदम नहीं उठाया था। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब पुल का उद्घाटन किया था। इससे कश्मीर घाटी का राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ने का सपना पूरा हुआ। अब सुदूर पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम की राजधानी आइजोल को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए तय 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेल लाइन भौगोलिक और साजो सामान से जुड़ी चुनौतियों को पार कर बनकर तैयार हो चुकी है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के आला अधिकारी ने कहा है, अब रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएसआर) की मंजूरी के साथ रेल लाइन तैयार है और बहुत जल्द प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करने वाले है। 
बता दें कि बैराबी-सैरांग रेल लाइन मार्ग के चालू होने के बाद लोग सिलचर के रास्ते आइजोल की यात्रा कर सकते और राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता, पहाड़ियों और घने जंगलों का आनंद ले सकते है।
बता दें कि रेल लाइन में 12.853 किलोमीटर लंबी 48 सुरंग, 55 बड़े और 87 छोटे पुल, पांच सड़क ओवरब्रिज और नौ सड़क अंडरब्रिज हैं। इसमें से एक पुल की ऊंचाई 104 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर अधिक है। नई लाइन से मिजोरम के लोगों को न केवल बेहतर परिवहन और सुगमता का लाभ मिलेगा, बल्कि इससे क्षेत्र से आवाजाही में भी वृद्धि होगी। साथ ही लोकल पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, इस अभूतपूर्व परिचालन से वाणिज्यिक गतिविधियों, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और पूर्वोत्तर के राज्यों में ट्रेन संपर्क मजबूत होगा, रोजगार के अवसर पैदा होने तथा स्टेशनों और माल शेड के पास छोटे-छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।