रूस की नजर अब और देशों पर, जर्मनी की खुफिया एजेंसी ने किया खुलासा
तीन साल से यूक्रेन रूस की हमले की मार झेल रहा है, मगर अब रूस की नजर कई और देशों पर भी है. इसका खुलासा जर्मनी की खुफिया एजेंसी (BND) और सशस्त्र बलों ने किया है. इनके आकलन के अनुसार, रूस पश्चिमी देशों को अपने प्रमुख दुश्मन के रूप में देख रहा है.
और एक बड़े पैमाने पर सैन्य टकराव की तैयारी कर रहा है. इस बीच, NATO महासचिव मार्क रुटे ने हाल ही में कहा है कि अगर पुतिन ने पोलैंड या किसी अन्य NATO देश पर हमला किया, तो इसका जवाब बेहद घातक होगा.
सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगा रूस
जर्मनी के प्रसिद्ध मीडिया संस्थान ‘सूडडॉयचे त्साइटुंग’, WDR और NDR की रिपोर्टों के अनुसार, रूस की सैन्य नीति केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं है. यह दावा किया जा रहा है कि रूस अपनी साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है. 2030 तक रूस अपनी सैन्य क्षमता को इतना मजबूत कर लेगा कि वह किसी बड़े युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार होगा.
बाल्टिक देशों पर बढ़ता खतरा
लिथुआनिया की खुफिया एजेंसी (VSD) का मानना है कि फिलहाल रूस इतने बड़े स्तर पर युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं है. हालांकि वो सीमित सैन्य कार्रवाई करने की स्थिति में जरूर है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पुतिन NATO देशों की एकजुटता की परीक्षा लेना चाहते हैं और ये देखना चाहते हैं कि संकट के समय में NATO के आर्टिकल 5 के तहत अपनी रक्षा प्रतिबद्धताओं को कितना गंभीरता से लेता है.
रूस की सैन्य शक्ति में भारी बढ़ोतरी
BND की रिपोर्ट के मुताबिक अभी रूस की सैन्य ताकत का तीन चौथाई-हिस्सा यूक्रेन युद्ध में लगा हुआ है, लेकिन उसकी वायुसेना और नौसेना पूरी तरह सतर्क है. अगर यूक्रेन युद्ध खत्म होता है तो रूस अपनी सैन्य टुकड़ियों को पश्चिमी सीमा की ओर तैनात करेगा. रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों और भारी नुकसान के बावजूद पुतिन लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहे हैं. जर्मन खुफिया एजेंसी का कहना है कि रूस की सैन्य अर्थव्यवस्था जरूरत से ज्यादा सैन्य उत्पादन कर रही है.
2026 तक 15 लाख सैनिकों की होगी तैनाती
रूस ने 2026 तक अपनी सशस्त्र सेनाओं की संख्या बढ़ाकर 15 लाख करने की योजना बनाई है. 2022 की सैन्य योजना के अनुसार, NATO सीमा पर रूसी सेना, हथियारों और सैन्य उपकरणों की संख्या 30-50% तक बढ़ाने की तैयारी हो रही है. रूस सरकार तेज़ी से अपना सैन्य खर्च बढ़ा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक रूस का रक्षा बजट लगभग 120 बिलियन यूरो तक पहुंच जाएगा, जो GDP का 6% से अधिक होगा. यह आंकड़ा 2021 की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है.