रायपुरः चैत्र नवरात्रि नजदीक आते ही राजधानी रायपुर के देवी मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं. भक्तों की आस्था और भक्ति के चलते इस बार मंदिर प्रबंधन ने बड़े स्तर पर ज्योति कलश स्थापना की प्लान बनाई है. राजधानी के ऐतिहासिक महामाया मंदिर में 11,000 ज्योति कलश, काली मंदिर में 4,001, कंकाली मंदिर में 1,100, और दंतेश्वरी मंदिर में 1,500 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है.

नवरात्रि के पावन पर्व को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसरों में विशेष सफाई और रंग-रोगन का कार्य किया जा रहा है. भक्तों की सुविधा के लिए नए स्थान तैयार किए जा रहे हैं, जहां अधिक संख्या में ज्योति कलश स्थापित किए जा सकें. श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में मंदिरों में पंजीयन कराने पहुंच रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि इस वर्ष भक्तों की भागीदारी पहले से अधिक होगी.

सदियों से चली आ रही परंपरा
पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि भगवती महामाया देवी मंदिर रायपुर का एक सिद्ध शक्ति पीठ और तंत्र पीठ है. यहां सदियों से चली आ रही परंपराओं का पालन आज भी किया जाता है. खासकर प्रधान राज ज्योत को प्रज्वलित करने की अनूठी विधि मंदिर की विशेषता है. यह ज्योत चकमक पत्थर की चिंगारी से प्रज्वलित की जाती है, जो तंत्र साधना की एक विशेष परंपरा का हिस्सा है. प्रधान राज ज्योत प्रज्वलित करने से पहले 2 से 10 वर्ष की कन्या की विशेष पूजा की जाती है. विधि-विधान से पूजन के बाद उसी कन्या के हाथों से यह ज्योत प्रज्वलित कराई जाती है. इसके बाद मां दुर्गा की आरती होती है और आम श्रद्धालुओं के लिए मनोकामना ज्योत प्रज्वलन की प्रक्रिया शुरू होती है.

विदेशों तक फैली मां महामाया की आस्था
मां महामाया की कृपा केवल रायपुर या छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं है, बल्कि विदेशों तक फैली हुई है. पंडित शुक्ला ने बताया कि हाल ही में उनके पास मस्कट, ओमान से एक श्रद्धालु ने फोन पर मनोकामना ज्योत प्रज्वलन के लिए पंजीयन कराया. इससे स्पष्ट है कि भक्तों की श्रद्धा समय और दूरी की सीमा को पार कर चुकी है.  इस वर्ष पहले की तुलना में ज्योति कलश स्थापना के लिए 10% अधिक पंजीयन हो चुके हैं और नवरात्रि शुरू होते-होते यह संख्या और भी बढ़ने की संभावना है. मान्यता है कि मां महामाया उनके सभी दुखों को हरकर जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं.