छात्रों ने विश्वविद्यालय से मांगी न्याय की मांग, परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय हमेशा ही चर्चाओं में बना रहता है। ताजा मामला भैरुंदा शासकीय महाविद्यालय के 48 में से 42 विद्यार्थियों को एक ही पेपर में फेल किए जाने को लेकर सामने आया है। हैरानी की बात तो यह है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने एक ऐसी छात्रा को इस विषय में पास कर दिया है, जो पेपर देने के लिए महाविद्यालय पहुंची ही नहीं थी। महाविद्यालय के रिकॉर्ड में भी छात्रा उस दिन गैरहाजिर है।
विद्यार्थियों को इसकी जानकारी परीक्षा परिणाम आने के बाद लगी तो उन्होंने तत्काल इस मामले में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलसचिव के नाम एक ज्ञापन एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी और महाविद्यालय के प्राचार्य भारत सिंह हरियाले को सौंपा। एक सप्ताह का समय बीतने के बावजूद इस मामले में अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस संबंध में एमएससी जूलॉजी तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी क्षमा राजपूत, स्वाति पंवार, नेहा कुशवाह, सत्यम ठाकुर, ललित यादव, विपुल कुशवाह ने बताया कि एमएससी जूलॉजी तृतीय सेमेस्टर के एक विषय कशेरुकी प्राणियों की तुलनात्मक शरीर रचना विज्ञान की परीक्षा बीते 10 दिसंबर 2024 को प्रथम पाली में संपन्न हुई थी। परीक्षा में 48 में से 47 छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए थे। एक छात्रा निरिशा पंवार महाविद्यालय पेपर देने नहीं आई थी। बीते 13 मार्च को आए परीक्षा परिणाम में 42 विद्यार्थियों को बरकतउल्लाह विश्वाविद्यालय के द्वारा कशेरुकी प्राणियों की तुलनात्मक शरीर रचना विज्ञान विषय में फेल कर दिया गया, लेकिन अनुपस्थित छात्रा इस विषय में पास हो गई। इस मामले में सभी विद्यार्थियों ने एकत्रित होकर परीक्षा परिणाम फिर से चेक करने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही विद्यार्थियों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के द्वारा की गई गलती का खामियाजा हमें भुगतना पड़ेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुल सचिव से पेपर की कॉपी जांच कराने की मांग की है।
एक ही विषय में 48 में से 42 फेल, अनुपस्थित छात्रा कैसे हुई पास
महाविद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के बाद मामला उभरकर सामने आया है। बीती 20 मार्च को ज्ञापन दिए जाने के बावजूद अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सका है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के द्वारा दिए गए रिजल्ट के बाद शक और अधिक गहरा गया है। विद्यार्थियों की माने तो 48 में सें 42 विद्यार्थी फेल हुए हैं। मात्र 6 विद्यार्थियों को पास किया गया है। फेल हुए सभी विद्यार्थियों के अंक लगभग समान हैं, जबकि पेपर में अनुपस्थित रहने वाली छात्रा को उक्त विषय में पास कर दिया गया है। सवाल यह उठता है कि जब महाविद्यालय के रिकॉर्ड में छात्रा अनुपस्थित है और उसकी संबंधित विषय की कॉपी भी मौजूद नहीं है तो फिर छात्रा को प्रोफेसर के द्वारा किस आधार पर पास किया गया। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के द्वारा किए गए इस कारनामे के बाद स्वयं विश्वविद्यालय घिरता हुआ नजर आ रहा है।
विश्वविद्यालय ने निर्णय नहीं लिया तो खराब होगा हमारा भविष्य
विद्यार्थियों का कहना है कि विश्वविद्यालय के द्वारा इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। यदि एक बार मार्कशीट की प्रति विद्यार्थियों तक पहुंच गई तो उसके बाद इस मामले में कोई भी हल नहीं निकल पाएगा। इसलिए विद्यार्थी महाविद्यालय जाकर लगातार इस मामले में प्राचार्य से तर्क वितर्क कर रहे हैं। विद्यार्थियों के द्वारा सभी वरिष्ठ अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा दी गई है। विद्यार्थियों का कहना है कि यदि आज या कल में इस मामले का समाधान नहीं होता है तो विद्यार्थियों का दल बरकतउल्ला विश्वविद्यालय पहुंचकर धरना देगा।
विद्यार्थियों की बातों को विश्वविद्यालय पहुंचा दिया गया है
इस संबंध में महाविद्यालय के प्राचार्य भारत सिंह हरियाले ने बताया कि विद्यार्थियों को पास या फेल किया जाने का मामला विश्वाविद्यालय से संबंधित है। विद्यार्थियों के द्वारा दिए गए आवेदन को विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है। अनुपस्थित छात्र को पास किए जाने का मामला भी सामने आया है। यह सही है कि कशेरुकी प्राणियों की तुलनात्मक शरीर रचना विज्ञान विषय में पास की गई छात्रा अनुपस्थित थी। इसकी सूचना भी विश्वाविद्यालय पहुंचा दी गई है। इस मामले में निर्णय विश्वविद्यालय को करना है।