सृजन पोर्टल पर 19 अप्रैल तक छात्र अपलोड कर सकेंगे नवाचारों प्रोजेक्ट

भोपाल: राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कार्यक्रम के पोर्टल "सृजन" पर शोधार्थियों की नवीन परियोजनाओं का विवरण अपलोड करने की सुविधा 25 मार्च से प्रारंभ कर दी गई है। सृजन पोर्टल पर संबंधित संस्थाओं द्वारा आवेदित परियोजनाओं का विस्तृत विवरण अपलोड करने की व्यवस्था की गई है। संस्थाएं अपने विद्यार्थियों की नवीन परियोजनाओं को सृजन कार्यक्रम के पोर्टल https://srijan.rgpv.ac.in/ पर अपलोड कर सकती हैं। विद्यार्थियों की नवीन परियोजनाओं का विवरण 19 अप्रैल तक पोर्टल में प्रस्तुत किया जा सकता है। विश्वविद्यालय द्वारा अपलोड की गई परियोजनाओं की प्रारंभिक समीक्षा 21 अप्रैल से प्रारंभ होगी। प्रत्येक परियोजना की टीम में 1 संकाय सदस्य तथा अधिकतम 4 विद्यार्थी शामिल किए जा सकेंगे। निर्णायक मंडल के माध्यम से प्रत्येक श्रेणी में प्रथम 50 परियोजनाओं का चयन किया जाएगा। प्रत्येक श्रेणी में प्रदर्शन योग्य 30 परियोजनाओं का अंतिम रूप से चयन किया जाएगा। परियोजनाओं का मूल्यांकन शिक्षा एवं उद्योग विशेषज्ञों की संयुक्त टीम द्वारा किया जाएगा। शीर्ष 150 परियोजनाओं का चयन किया जाएगा और अंतिम सूची 30 अप्रैल को जारी की जाएगी। सभी चयनित परियोजना नेताओं को 9 मई को प्रदर्शनी स्थल पर रिपोर्ट करना होगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन 10 मई को होगा। कार्यक्रम का समापन 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर होगा।
सृजन कार्यक्रम के तहत इन परियोजनाओं को प्रदर्शित किया जा सकेगा
सृजन कार्यक्रम के तहत तकनीकी और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए तीन प्रकार के मॉडल निर्धारित किए गए हैं। इसके अनुसार पहला मॉडल वर्किंग मॉडल है, जिसमें व्यावहारिक अनुप्रयोग दिखाने वाले वर्किंग मॉडल प्रदर्शित किए जा सकते हैं। दूसरा मॉडल प्रदर्शनात्मक मॉडल है, जिसमें प्रोजेक्ट वीडियो या भौतिक प्रस्तुतियाँ बनाई जा सकती हैं। तीसरा मॉडल सिमुलेशन आधारित परियोजनाएँ हैं, जिसमें सिमुलेशन के माध्यम से प्रक्रियाओं, डिज़ाइनों या भविष्य की संभावनाओं को प्रदर्शित करने वाली परियोजनाएँ प्रदर्शित की जा सकती हैं। सृजन कार्यक्रम के तहत तकनीकी और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए छह प्रकार की मॉडल श्रेणियाँ भी निर्धारित की गई हैं। इनमें ग्रामीण प्रौद्योगिकी, स्वच्छ और हरित ऊर्जा, उद्योग 4.0/5.0, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य विज्ञान/जीवन विज्ञान और स्मार्ट शिक्षा शामिल हैं।
सृजन कार्यक्रम की पुरस्कार संरचना
सृजन कार्यक्रम में प्रत्येक मॉडल श्रेणी के लिए अलग-अलग पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रत्येक मॉडल श्रेणी में प्रथम पुरस्कार (तकनीकी एवं उच्च शिक्षा) के लिए कुल 12 पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक को 20,000 रुपये की राशि दी जाएगी। प्रत्येक मॉडल श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार (तकनीकी एवं उच्च शिक्षा) के लिए कुल 12 पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक को 15,000 रुपये की राशि दी जाएगी। प्रत्येक मॉडल श्रेणी में तृतीय पुरस्कार (तकनीकी एवं उच्च शिक्षा) के लिए कुल 12 पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक को 10,000 रुपये की राशि दी जाएगी। तकनीकी एवं उच्च शिक्षा सहित प्रत्येक श्रेणी में 6, इस प्रकार कुल 12 सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक को 5,000 रुपये की राशि दी जाएगी। तकनीकी एवं उच्च शिक्षा सहित प्रत्येक श्रेणी में 6, इस प्रकार कुल 12 महिला सशक्तिकरण (विशेष निर्णायक मंडल) पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक को 5,000 रुपए की राशि भी दी जाएगी। प्रत्येक प्रतिभागी को सहभागिता का प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
चयनित परियोजनाओं को विश्वविद्यालय से ये सुविधाएं मिलेंगी
राजीव गांधी विश्वविद्यालय द्वारा इनोवेट एमपी मिशन के मद्देनजर आयोजित सृजन कार्यक्रम में चयनित परियोजनाओं को विभिन्न क्षेत्रों को आगे बढ़ाने वाले कार्यों के लिए आवश्यक सहायता एवं मार्गदर्शन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। विश्वविद्यालय किसी भी प्रकार की बौद्धिक संपदा के पेटेंट दाखिल करने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसके साथ ही व्यावसायीकरण एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रोटोटाइप विकास के लिए तकनीकी सहायता एवं वित्तीय सहायता दी जाएगी। नवाचार आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा तथा उद्योग के लिए तैयार प्रशिक्षण दिया जाएगा। शोधकर्ताओं के लिए हाई स्पीड इंटरनेट थिंकिंग जोन भी स्थापित किया जाएगा। तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री परमार के मार्गदर्शन में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने सृजन कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेजों के विद्यार्थियों को वर्तमान में चल रहे पाठ्यक्रमों के अंतर्गत विकसित की गई नई परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। यह कार्यक्रम उत्कृष्ट परियोजनाओं की पहचान कर उन्हें भविष्य में प्रोटोटाइप के रूप में विकसित करने के लिए पूरी सुविधा प्रदान करने का एक प्रयास है। सृजन कार्यक्रम स्टार्ट-अप की स्थापना को भी प्रोत्साहित करेगा। सृजन कार्यक्रम का मूल उद्देश्य तकनीकी और उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करना है। सृजन कार्यक्रम विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन की समस्याओं और उभरती हुई तकनीक आधारित परियोजनाओं पर आगे काम करने के लिए प्रोत्साहित और समर्थन करेगा। यह नवीन विचारों को स्टार्ट-अप में बदलने के लिए भी सहायता प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीकी और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना और उसे समर्थन प्रदान करना है