ओबीसी रिजर्वेशन में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश. राज्य सरकार को 13 प्रतिशत पद रिक्त रखने के दिए निर्देश

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी आरक्षण से जुड़े मामले में राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि भर्ती प्रक्रिया में 13 प्रतिशत पद रिक्त रखे जाएं. ओबीसी आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आने तक अन्य 87 प्रतिशत पदों पर भर्ती जारी रखें. युगलपीठ ने गुरुवार को यह अंतरिम आदेश शिक्षक भर्ती सहित अन्य लोक सेवकों की भर्ती से जुड़े मामले में पारित किया. याचिका पर अगली सुनवाई 4 अप्रैल को नियत की गई है.
ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के चयन को होल्ड किए जाने को चुनौती
पन्ना निवासी सूर्या श्रीवास सहित कई जिलों के 35 अभ्यर्थियों की तरफ से शिक्षा भर्ती में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के चयन को होल्ड किए जाने को चुनौती दी गई थी. इस संबंध में सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर इन पदों को होल्ड किया गया है. याचिका में कहा गया था कि आरटीआई के तहत जिस याचिका का उल्लेख किया गया है, उसका पूर्व में निराकरण हो गया है.
राज्य शासन ने दिया सुप्रीम कोर्ट का हवाला
याचिका में गुरूवार को सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से दलील दी गई कि ओबीसी आरक्षण से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. राज्य की तरफ से पेश की गई अंडरटेकिंग में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला नहीं आने तक सभी भर्तियों में 13 प्रतिशत पदों को होल्ड रखा जाएगा.
याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने रखा ये पक्ष
याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने पक्ष रखते हुए युगलपीठ को बताया कि "पूर्व में हाईकोर्ट ने उस याचिका को निरस्त कर दिया है, जिसमें ओबीसी के 13 प्रतिशत पद होल्ड करने के आदेश दिये गये थे. जब याचिका ही निरस्त हो चुकी है तो सरकार को होल्ड पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिये. लेकिन ऐसा लगता है कि राज्य शासन की ओबीसी वर्ग को उसका अधिकार देने की मंशा नहीं है. इस मामले में मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता ने कानून के खिलाफ 87: 13 के फार्मूले का अभिमत देने की गलती की है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि हाईकोर्ट के किस आदेश से 13 प्रतिशत पद होल्ड किये गए हैं."
'भर्ती प्रक्रिया में 13 प्रतिशत पद रिक्त रखने के आदेश'
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने दोनों पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि भर्ती प्रक्रिया में 13 प्रतिशत पद रिक्त रखे जाएं. ओबीसी आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आने तक अन्य 87 प्रतिशत पदों पर भर्ती जारी रखें.