सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि कानून का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है। नहीं तो सभी फिल्मों को लेकर यही स्थिति पैदा होगी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूर्ण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है। इस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है।

सीजेआई ने कहा कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से मिले सर्टिफिकेट के मामले पर हम गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि थिएटर को सुरक्षा मुहैया कराना राज्य सरकार का काम है। अब फिल्म को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।तब जरूरत पड़ने पर जज फिल्म देखेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के निर्माताओं को भी कहा कि निर्माता भी डिस्क्लेमर लगाएं कि 32000 लड़कियों के गायब होने का आंकड़ा पुख्ता नहीं है। बता दें कि इस फिल्म में अदा शर्मा लीड रोल में हैं। पांच मई कि रिलीज हुई यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जोरदार कलेक्शन कर रही है।