वॉशिंगटन। अमेरिकी वायु सेना के पूर्व कैप्टन ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है ‎कि एक समय परमाणु ‎मिसाइल बेस पर यूएफओ ने हमला ‎‎किया था, ले‎किन सरकार ने इसे छुपाए रखा। पूर्व कैप्टन ने कहा ‎कि कई दशक पहले परमाणु मिसाइल बेस पर देखे गए एक अज्ञात फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (यूएफओ) ने एक समय युद्ध की स्थिति पैदा कर दी थी। संयुक्त राज्य वायु सेना के पूर्व कप्तान रॉबर्ट सालास ने एक टीवी शो यूएफओ में खुलासा किया कि कैसे 24 मार्च, 1967 को हुई एक घटना ने जांच एजेंसियों को तीन वर्षों तक उलझाए रखा था। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में उस समय के एक गॉर्ड ने सूचित किया था। आसमान में लाल-नारंगी और चमकदार चीज उड़ रही थी। इसके बाद सालास को करीब पांच मिनट बाद एक और फोन आया जिसके बाद उन्हें लगा कि उन पर हमला हो रहा है। यह किसके द्वारा किया गया था वह उन्हें नहीं पता था और पूरे नियंत्रण कक्ष में घंटियां बज रही थीं। सभी लोग पूरे आसमान में रोशनी को हरे से लाल रंग में इधर उधर मंडराते हुए देख सकते थे। सालास के अनुसार, इस घटना ने बड़ी संख्या में परमाणु मिसाइलों और हथियारों को नुकसान पहुंचाया, और फिर भी अमेरिकी सरकार ने इसकी कोई जांच नहीं की। इतना ही नहीं, सालास ने कहा कि इस बारे में जानकारी रखने वाले यूनिट के प्रमुखों को मामले के संबंध में गोपनीयता अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था।
वहीं इस घटना के तीन साल बाद, अमेरिकी वायु सेना ने यह कहते हुए अपनी यूएफओ जांच इकाई को बंद कर दिया कि कोई क्षति नहीं हुई थी। यहां गौरतलब है कि पिछले महीने, पूर्व-पुलिस अधिकारी गैरी हेसल्टाइन की एक पुस्तक में दावा किया गया था कि अमेरिकी वायु सेना ने ब्रिटेन के ऊपर उड़ते हुए यूएफओ को गोली मार दी थी। पुस्तक में कहा गया कि अमेरिकी कर्मियों ने सफ़ोक में आरएएफ बेंटवाटर्स और आरएएफ वुडब्रिज पर यूएफओ पर विस्फोट किया था। इन दोनों बातों ने एक बार फिर एलियन और यूएफओ की बातों को हवा दे दी है।